भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने मास्को में आज (10 मई 2015)रूस में भारत के राजदूत श्री पी.एस. राघवन द्वारा भारतीय समुदाय के लिए आयोजित एक स्वागत समारोह में भाग लिया।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए,राष्ट्रपति ने कहा कि रूस में भारतीय समुदाय ने भारत और रूस के बीच घनिष्ठ मैत्रीपूर्ण संबंधों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। दोनों देशों के बीच जनता के परस्पर संपर्क सदैव हार्दिक और मैत्रीपूर्ण रहे हैं। यह भारतीय सिनेमा, संस्कृति और विरासत में रूसी दिलचस्पी तथा भारत में रूसी साहित्य, कला, सर्कस और विज्ञान की लोकप्रियता से व्यक्त होता रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विगत पंद्रह वर्षों में रूस के साथ भारत के संबंधों में गुणात्मक परिवर्तन हुआ है। अक्तूबर 2000में भारत-रूस सामरिक साझीदारी घोषणा पर हस्ताक्षर से, भारत ने संभवत: किसी भी बाहरी देश के साथ सबसे घनिष्ठ संस्थागत संबंध स्थापित किए। यह संबंध तभी से निरंतर आगे बढ़ रहे हैं तथा नए-नए क्षेत्रों में विविधतापूर्ण हो रहे हैं। दोनों देशों के बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को स्वीकार करते हुए भारत अपने रिश्ते को एक विशेष और गौरवपूर्ण सामरिक साझीदारी मानता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और रूस के बीच कुल व्यापार 6 बिलियन अमरीकी डॉलर प्रति वर्ष है जो भारत के कुल व्यापार 765 बिलियन अमरीकी डॉलर के 1 प्रतिशत से भी कम है। अप्रैल 2000 से भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की मात्रा 246बिलियन अमरीकी डालर रहा है जिसमें से रूस से केवल 1 बिलियन अमरीकी डॉलर आए हैं। दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के आकार को देखते हुए, वाणिज्यिक और निवेश आदान-प्रदान को बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं। दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच उभरते सहयोग और नए अवसरों का पूरा उपयोग किया जाना चाहिए। रूस में भारतीय समुदाय, भारत और रूस के बारे में विशिष्ट जानकारी और अंतर्दृष्टि के भंडार के रूप में दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को तेज गति से आगे बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभा सकता है।
यह विज्ञप्ति 1550 बजे जारी की गई।