भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (10 नवम्बर 2014) बालयोगी सभागार, संसद पुस्तकालय भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में हिंदी के प्रख्यात कवि, श्री केदारनाथ सिंह को 49वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें प्रख्यात हिंदी कवि, डॉ. केदारनाथ सिंह को हिंदी साहित्य में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए 49वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किए जाने के अवसर पर उपस्थित होकर खुशी हो रही है। उन्होंने डॉ. सिंह को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार
को प्राप्त करने पर बधाई देते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि डॉ. सिंह आने वाले कई वर्षों तक हिंदी साहित्य को समृद्ध करते रहेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि डॉ. केदारनाथ सिंह ने समान सुगमता से वास्तविकता तथा कल्पना दोनों ही धरातलों का अनुसंधान करते हुए अपनी कविता के द्वारा हमारे समक्ष पद्य तथा काव्यात्मक गद्य का अनोखा सम्मिश्रण प्रस्तुत किया है। उनकी कविता अर्थ, रंग और स्वीकार्यता का एक कोलॉज
प्रस्तुत करती है। एक अनोखे व्यक्तित्व के स्वामी, श्री केदारनाथ सिंह का दृष्टिकोण न केवल आधुनिक सौंदर्य शास्त्र के प्रति वरन परंपरागत ग्रामीण समुदायों के प्रति भी संवेदनशील है, परंतु वे सदैव जीवन नामक महोत्सव के प्रति प्रतिबद्ध रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी
यह हार्दिक इच्छा है कि नई पीढ़ी भारतीय प्राचीन ग्रंथों के गहन अध्ययन की ओर प्रवृत्त हो। इससे न केवल नैतिकता का मार्ग प्रशस्त होगा वरन् राष्ट्र-निर्माण के हमारे प्रयासों में भी महती योगदान प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि भारतीय ज्ञानपीठ हमारे
युवाओं को हमारे साहित्य के वैभव से अवगत करने के लिए उपाय करेगा।
यह विज्ञप्ति 1800 बजे जारी की गई।