भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (10 दिसंबर, 2013) एफएनबी स्टेडियम, जोहांसबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति, डॉ. नेल्सन मंडेला के सम्मान में स्मृति सभा में भाग लिया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के लिए नेल्सन मंडेला का निधन एक श्रद्धेय वयोवृद्ध, एक महान आत्मा का महाप्रस्थान है। उन्होंने कहा कि मदीबा ने त्याग और अभावों का जीवन जिया क्योंकि उन्होंने अपने लोगों के लिए असंभव प्रतीत होने वाले लक्ष्य की प्राप्ति का प्रयास किया और विश्व उनकी विरासत से समृद्ध हुआ है। हम, भारतीय उनकी तथा उनके सिद्धांतों की प्रशंसा करते रहे हैं तथा हमारे लोगों के प्रति उनकी मैत्री और प्रेम को हम सदैव याद रखेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि नेल्सन मंडेला का जीवन और संघर्ष जो दक्षिण अफ्रीका और समूचे विश्व के शोषितों के लिए आशा का प्रतीक था, भारत को हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सिद्धांतों की याद दिलाता है। मदीबा, प्राय: अपने विचारों पर महात्मा गांधी और भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के प्रभाव को स्वीकार करते थे। इसलिए, इसमें आश्चर्य नहीं है कि हम भारतीय दक्षिण अफ्रीका के लोगों के साथ अपनी विशेष मैत्री को बहुत भावनात्मक मानते हैं।
यह विज्ञप्ति 1808 बजे जारी की गई।