मालदीव गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति श्री अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयूम ने आज (11 अप्रैल, 2016) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
भारत आगमन पर श्री गयूम का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा ‘भारत प्रथम पड़ोसी’ की अपनी नीति को अत्यंत महत्त्व देता है। इसमें मालदीव का अहम स्थान है। भारत भी मालदीव की ‘प्रथम भारत’ नीति की सराहना की।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और मालदीव के बीच संबंध दोनों देशों के लोगों के परस्पर संपर्क पर निर्मित होकर काफी घनिष्ठ हुए हैं। एक विशालतम लोकतंत्र के रूप में भारत मालदीव के लोकतांत्रिक संस्थानों की सुदृढ़ता के लिए सभी सहयोग देता रहेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और मालदीव हिन्द महासागर क्षेत्र में सहज साझीदार हैं।
राष्ट्रपति की भावनाओं के प्रत्युत्तर में, मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा कि मालदीव की सरकार अपनी ‘प्रथम भारत’ नीति के प्रति पूर्णत: वचनबद्ध है। भारत अकेला ऐसा विदेशी राष्ट्र है जिसकी उन्होंने एक बार से अधिक यात्रा की है और यह दो वर्ष में उनकी तीसरी यात्रा है। उन्होंने कहा कि दोनों देश प्रगाढ़ सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंधों से जुड़े हुए हैं।
यह विज्ञप्ति 1945 बजे जारी की गई