भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (11 जून, 2013) विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रीय महिला आयोग के स्थायी मुख्यालय ‘निर्भया भवन’ का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि 1992 में अपनी स्थापना के समय से ही राष्ट्रीय महिला आयोग ने हमारे देश में महिलाओं के अधिकार, गरिमा तथा विकास की दिशा में, समर्पित पहलों के माध्यम से नाम कमाया है। इसे भारत में महिलाओं के सशक्तीकरण में निभाई गई इसकी प्रमुख भूमिका के लिए सर्वत्र मान्यता तथा प्रशंसा प्राप्त हुई है। इसलिए यह स्वाभाविक ही है कि भारतीय महिलाओं की 20 वर्षों की समर्पित सेवा के बाद इसे अंतत: अपना स्थाई मुख्यालय प्राप्त होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि एक बार अपने परिसर में स्थापित होने के बाद, यह आयोग अपने कार्य के लिए बेहतर अवसंरचनात्मक सुविधाएं सृजित कर सकेगा, अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच की अपनी क्षमता बढ़ा सकेगा तथा अपने कार्यों में समुचित दक्षता बढ़ा सकेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार, संविधान में की गई परिकल्पना के अनुरूप अपने सभी नागरिकों, खासकर वंचितों, के लिए समानता तथा न्याय के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने हमारे देश के सामाजिक-राजनीतिक तथा आर्थिक विकास को दिशा देने में प्रमुख भूमिका निभाई है और आगे भी निभाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में महिलाओं की अधिकाधिक सहभागिता तथा भारत में महिलाओं के सामान्य उत्थान के लिए अपना सहयोग दे रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं को उचित सम्मान देने की जरूरत के प्रति समाज को और अधिक जागरूक किए जाने की जरूरत है। हम खुद को एक सभ्य समाज कहलाने के बारे में तभी सोच सकते हैं जब हम महिलाओं के साथ सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार करने की हमारी प्राचीन सभ्यता का पालन करने लगेंगे। उन्होंने अपील की कि महिलाओं के अधिकारों के बारे में तथा महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध हाल ही में देखी गई हिंसा तथा अत्याचारों की बर्बर घटनाओं के विरुद्ध समुचित सामाजिक जागरूकता सुनिश्चित की जाए।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में श्रीमती कृष्णा तीरथ, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)तथा सुश्री ममता शर्मा, अध्यक्ष, राष्ट्रीय महिला आयोग शामिल थी।
यह विज्ञप्ति 1335 बजे जारी की गई