भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (11 सितम्बर, 2014)ग्रेटर नोएडा में भारतीय दंत चिकित्सक एसोसिएशन द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय दंत चिकित्सक फेडेरेशन के वार्षिक विश्व दंत चिकित्सक सम्मेलन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि मुख संबंधी स्वास्थ्य संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है और वैश्विक रूप से यह एक चुनौतिपूर्ण मुद्दा है। सब जगह होने तथा बहुतायत के कारण मुख संबंधी रोग जन स्वास्थ्य के प्रति प्रमुख खतरा पैदा कर रहे हैं। इस उपमहाद्वीप में मुख और दंत स्वास्थ्य का स्तर चुनौतिपूर्ण है। अधिकांश लोग मुख संबंधी स्वास्थ्य के महत्व और सामान्य सेहत पर इसके प्रभाव के प्रति अनभिज्ञ हैं। मुख संबंधी रोग और दांतों के क्षय को वृद्ध होने की प्रक्रिया का एक भाग माना जाता था और बहुत से लोगों द्वारा इसकी अनदेखी की जाती थी।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय दंत चिकित्सा एसोसिएशन ने समाज के विभिन्न वर्गों के बीच मुख संबंधी स्वास्थ्य और स्वच्छता बनाए रखने की जरूरत के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए अनेक कार्यक्रम और परियोजनाएं आरंभ की हैं। उन्होंने कहा कि आज हम उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि भारतीय दंत चिकित्सक एसोसियेशन अंतरराष्ट्रीय दंत चिकित्सक फेडेरेशन और इसके साझीदारों के साथ देश में मुख संबंधी स्वास्थ्य क्रांति पैदा करने के लिए इस अभियान में अग्रणी रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमें बचाव आवश्यकताओं तथा रोग की विशिष्ट जरूरतों पर ध्यान देने के लिए एक समग्र मॉडल तैयार करना चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन में विश्व भर के प्रबुद्धजनों के विचार-विमर्श से मुख संबंधी स्वास्थ्य देखभाल का मॉडल सामने आएगा, जिससे लोगों की जरूरतें पूरी की जा सकेंगी तथा मुख संबंधी स्वास्थ्य देखभाल वास्तव में वहनीय और सुलभ हो सकेगी।
यह विज्ञप्ति 1750 बजे जारी की गई।