भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने कल (10अक्तूबर, 2015) अम्मान, जॉर्डन में भारत के राजदूत श्री अनिल त्रिगुणायत की ओर से भारतीय समुदाय और भारत के जॉर्डनियाई मित्रों के लिए आयोजित स्वागत समारोह में भाग लिया।
उपस्थित समूह को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत मानता है कि जॉर्डन पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति और प्रगति का मरुद्यान बने। भारत जॉर्डन के शाह की विकासात्मक नीतियों की प्रशंसा करता है और युद्ध विनाश के कारण बेघर हुए लगभग पंद्रह लाख निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को शरण देने की उनकी मानवतावादी पेशकश की सराहना करता है। भारत इस क्षेत्र और उससे आगे के क्षेत्र में समुदायों के बीच सहिष्णुता और सद्भावना पैदा करने के उनके अथक प्रयासों और कार्यों की प्रशंसा करता है। हम मानते हैं कि सभी पक्षों के लिए यह जरूरी है कि वे जल्द से जल्द सांप्रदायिक हिंसा और नफरत का रास्ता छोड़कर सहिष्णुता,मानवता और सौहार्दपूर्ण सहअस्तित्व की राह पर चलें।
यह विज्ञप्ति1410 बजे जारी की गई।