भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (11 दिसंबर, 2016) राष्ट्रपति भवन में कैलाश सत्यार्थी बाल प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित एक 100 मिलियन फॉर 100 मिलियन अभियान आरंभ करके अपना 81वां जन्मदिवस मनाया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें लोकतंत्र, बहुलवाद और पंथनिरपेक्षता की हमारी गणतांत्रिक प्रतिबद्धता के प्रतीक संस्थान राष्ट्रपति भवन से नोबल शांति पुरस्कार विजेता, श्री कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में अभियान को आरंभ करके प्रसन्नता हुई।
राष्ट्रपति ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास तथा मानव प्रयास के अन्य क्षेत्रों में विश्व द्वारा की गई अन्य प्रगति के बावजूद अभी भी 100 मिलियन बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं। उन्हें बचपन से वंचित किया जा रहा है और वे अनेक तरीकों से शोषण का सामना कर रहे हैं। विश्व को तत्काल अनुभव करना चाहिए कि जब तक बच्चे सुरक्षित नहीं रहेंगे और उन्हें मानवता के हित के लिए परिवर्तन दूत बनने की स्वतंत्रता और अवसर प्राप्त नहीं होंगे वे प्रगति नहीं कर सकते। उनके लिए एक उज्ज्वल निश्चिंत और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए निर्धनता, हिंसा और अभाव को दूर करना हमारा आवश्यक कर्तव्य है।
राष्ट्रपति ने कहा कि 100 मिलियन पिछड़े हुए बच्चों के बेहतर भविष्य को सवांरने के लिए 100 मिलियन युवाओं को एकजुट करने का विश्व प्रयास एक बदलाव की शुरुआत है जो बहुत समय से लंबित थी। यह उपयुक्त है कि यह अभियान भारत से शुरू हो रहा है जहां युवाओं की विश्व की एक सबसे बड़ी आबादी रहती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पांच वर्ष तक चलने वाले इस अभियान का विश्व भर के बच्चों के जीवन पर अभूतपूर्व प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने भारत और विदेश के सभी बच्चों और युवाओं से इस अभियान में शामिल होने तथा एक ऐसे जीवंत, दयामय और खुशहाल विश्व के प्रणेता बनने का आग्रह किया जहां प्रत्येक बालक अभाव, भय और शोषण से मुक्त होगा।
100 मिलियन फॉर 100 मिलियन अभियान का लक्ष्य पूरे विश्व के 100 मिलियन पिछड़े हुए बच्चों के लिए 100 मिलियन युवाओं और बच्चों को एकजुट करना, बाल श्रम, बाल दासता, बच्चों के प्रति हिंसा को समाप्त करना तथा अगले पांच वर्षों के दौरान प्रत्येक बच्चे को सुरक्षित, स्वतंत्र और शिक्षित बनने के अधिकार को प्रोत्साहित करना है।
प्रातः काल के दौरान राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन के कर्मचारियों के लिए ट्वीन टावर अपार्टमेंट, राष्ट्रपति भवन में बुनियादी नवान्वेषणों की स्थायी प्रदर्शनी के लिए एक हॉल, नवाचार दो तथा राष्ट्रपति भवन के पुराने कालीनों और बुनकारी के एक संग्रहालय का उद्घाटन किया।
यह विज्ञप्ति 1645 बजे जारी की गई।