भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने कल (11 जनवरी, 2017) राष्ट्रपति भवन में किनिया गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति, श्री उहरू केन्यत्ता का स्वागत किया। उन्होंने उनके सम्मान में राजभोज का भी आयोजन किया।
किनिया के राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि किनिया के साथ भारत के साथ संबंध सदियों पुराने हैं। भारत और किनिया भाइयों की तरह उपनिवेशवाद के विरुद्ध लड़े। दोनों देश लोकतांत्रिक मूल्यों और परंपराओं में एक समान विश्वास करते हैं। भारत के प्रथम प्रधान मंत्री, जवाहरलाल नेहरू का किनियाई राष्ट्रपति के पिता, राष्ट्रपति जीमो केन्यत्ता जिन्होंने किनियाई राष्ट्र की नींव रखी, के साथ एक विशेष संबंध था।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और किनिया ने जुलाई, 2016 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान अध्यक्षों के सरकारी स्तर पर सम्पर्कों की पुन: स्थापना से सहयोग में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। ये उच्च स्तरीय आदान-प्रदान तीन से अधिक दशक के अंतराल के बाद हो रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि किनियाई राष्ट्रपति की यात्रा से दोनों देशों के बीच सहयोग में विस्तार और गहनता आएगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि व्यापार क्षमता से कम है और आर्थिक संबंधों को बढ़ाने और विविध बनाने की आवश्यकता भारत, स्वास्थ्य, पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि, नीली अर्थव्यवस्था और ऊर्जा में अवसर प्राप्त करने के लिए दोनों पक्षों की ओर उद्योग और कारोबार के प्रयासों का स्वागत करता है।
राष्ट्रपति मुखर्जी द्वारा व्यक्त भावनाओं का प्रत्युत्तर देते ह़ुए, किनियाई राष्ट्रपति ने किनिया के भारतीय समुदाय की भूमिका की सराहना की जिसे उन्होंने किनियाई समाज का अभिन्न अंग बताया। उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री नेहरू द्वारा प्रोत्साहित भारतीय समुदाय किनिया के स्वतंत्रता आंदोलन का प्रमुख अंग हैं। उन्होंने उच्चतम स्तर पर सम्पर्क बढ़ाने की आवश्यकता बताई ताकि लोग और कारोबारी नेता संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए प्रेरित हों।
तदुपरांत, अपने राजभोज अभिभाषण में, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि आपके दूरदर्शी नेतृत्व में, किनिया पूर्वी अफ्रीका की एक सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत, किनिया के साथ अपनी विकासात्मक साझीदारी के प्रति वचनबद्ध है। यह वित्तीय, वाणिज्यिक, पर्यटन और परिवहन सेवाओं के केंद्र के रूप में स्थापित हो गया है। भारत का तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम तथा भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन के अंतर्गत हमारी प्रशिक्षण और छात्रवृत्ति पहलों से बहुत से युवा किनियाई लाभान्वित हुए हैं। भारत मानव संसाधन विकास और क्षमता निर्माण में किनिया की सहायता करने के लिए तत्पर हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने हाल ही में किनियाई में प्रथम भारत महोत्सव ‘उराफिकी उत्सव’ का आयोजन किया जिसका अत्यंत स्वागत किया गया। हमें भारत में किनिया महोत्सव के आयोजन की प्रतीक्षा है। 21वीं शताब्दी में, भारत हमारे अपने-अपने लोगों की बहुत सी साझी आकांक्षाओं को पूरा करने तथा विश्व शांति और स्थिरता में योगदान देने के लिए किनिया के साथ कार्य करने की उम्मीद करता है।
यह विज्ञप्ति 1410 बजे जारी की गई