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राष्ट्रपति जी ने हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के दूसरे वार्षिक दीक्षांत समारोह में भाग लिया

राष्ट्रपति भवन : 12.02.2014

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (12 फरवरी, 2014) शाहपुर, जिला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के दूसरे वार्षिक दीक्षांत समारोह में भाग लिया।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा जिस तरह मानव जीवन को उन्नत बना सकती है, उस तरह अन्य कोई नहीं कर सकता। खासकर, उच्च शिक्षा समाज को बहुत लाभ प्रदान कर सकती है; ऐसे लाभ जिनकी बिना शिक्षा की पूर्ण भूमिका के कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि हमारे सामने अपने विद्यार्थियों की बौद्धिक मूल्ये को उन्नत करने की चुनौती है। यह चिंता की बात है कि विश्व में सर्वोच्च 200 विश्वविद्यालयों की सूची में भारत का एक भी संस्थान नहीं है। हमारे बहुत से विश्वविद्यालय तथा इंजीनियरी संस्थान इस सूची में काफी ऊंचा स्थान पाने के लिए सक्षम हैं। परंतु न केवल इसके मापदंडों तथा रैंकिंग एजेंसियों द्वारा अपनाई जा रही प्रक्रिया की गहरी जानकारी प्राप्त करने के लिए बल्कि अपनी उपलब्धियों को और कारगर ढंग से प्रस्तुत करने के लिए कार्यनीति विकसित करने की दिशा में ठोस कार्य करने की जरूरत है।

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि हमारी शिक्षा संस्थाओं को औसत दर्जे से निकालने के लिए रूपांतरकारी विचारों की जरूरत है। शासन के विभिन्न ढांचों को नवान्वेषी विचारों के प्रति सहयोगात्मक होना चाहिए तथा तेजी से निर्णय लेने में सहयोग प्रदान करना चाहिए। ऐसे पूर्व छात्रों की दक्षता तथा अनुभव का भी कारगर विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए सदुपयोग किया जाना चाहिए जो सुस्थापित हैं। उन्होंने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय सर्जनात्मक प्रयासों के लिए ऊर्वर भूमि होने चाहिए। उन्हें अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के विकास के स्रोत बनना होगा। विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों में नवान्वेषी क्लब खोलकर नवीनता तथा विचारों के आदान को बढ़ावा देने की दिशा में पहल की जा चुकी है। अगले कदम के रूप में, इन नवान्वेषी क्लबों को विभिन्न भारतीय प्रौद्योगिक संस्थानों अथवा राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थानों में मौजूद नवान्वेषी इन्क्यूबेटर के साथ मिलकर काम करना चाहिए, जिससे जमीनी नवान्वेषकों के नवीन, व्यवहार्य विचारों से उपयोगी उत्पाद तैयार करने के लिए आगे कार्य किया जा सके।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रतिस्पर्धा तथा सहयोग की भावना भरने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उनहोंने सर्वोत्तम, विश्वविद्यालय, सर्वोत्तम नवान्वेषण तथा सर्वोत्तम अनुसंधान की तीन श्रेणियों में वार्षिक कुलाध्यक्ष पुरस्कार घोषित किए हैं तथा उन्होंने हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित, सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों, उनके संकाय संदस्यों तथा विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे इन पुरस्कारों के लिए सर्वोत्तम प्रयास करें।

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर प्रसिद्ध अर्थशास्त्री तथा प्रशासक डॉ. विजय केलकर को मानद उपाधि प्रदान की तथा हिमाचल प्रदेश के नवान्वेषकों और उद्यमियों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

यह विज्ञप्ति 1800 बजे जारी की गई।