भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (12 अप्रैल, 2013) इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के 26वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना भारतीय शिक्षा के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण क्षण था। इसने ऐसे बहुत से लोगों को अवसर उपलब्ध कराए हैं जो कि औपचारिक शिक्षा नहीं पा सके अथवा जो अपनी अकादमिक योग्यता को बढ़ाना चाहते थे या फिर जो आत्म समृद्धि के लिए तथा ज्ञान के उन्नयन के लिए पढ़ना चाहते थे। इसने उच्च शिक्षा को जनसामान्य तक पहुंचाया तथा किशोरों और कामकाजी वयस्कों सहित, विभिन्न आयु समूहों ने इसका लाभ उठाया।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धात्मक विश्व में जीवन-पर्यंत शिक्षा ग्रहण करना आवश्यक हो गया है। उच्च शिक्षा सेक्टर को इस नए अवसर के लिए आगे आना होगा। शिक्षा ग्रहण करने की कोई अंतिम सीमा नहीं होती, इसलिए ‘कामकाजी छात्र’ एक नया क्षेत्र होगा। हमारे विश्वविद्यालयों को इस तरह के जीवन पर्यंत शिक्षा ग्रहण करने वालों के लिए कार्यक्रम डिजायन करने चाहिए।
यह विज्ञप्ति 1530 बजे जारी की गई