भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (12 मई, 2016) राष्ट्रपति भवन में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर नर्सिंग कर्मियों को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि नर्सिंग पेशेवर स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का आधार हैं। नर्सें चाहे पोलियो उन्मूलन, दाई सेवा या सामुदायिक शिक्षा जैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान हों, स्वास्थ्य देखरभाल के सभी पहलुओं में अहम भूमिका है। निष्ठा और देखभाल का उनका स्तर देश के सुदूर इलाकों सहित शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण है। राष्ट्र के स्वास्थ्य देखभाल लक्ष्यों की प्राप्ति में उनका योगदान अत्यावश्यक है। स्वास्थ्य क्षेत्र में उनका योगदान उतना ही अहम है क्योंकि वे उनके कार्य के लिए आवश्यक सहयोगी कार्य वातावरण पैदा करने में मदद करती हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि जीवाणु संबंधी प्रतिरोधकता, नई महामारियों, संक्रमण तथा प्राकृतिक आपदा जैसे उभरते हुए वैश्विक खतरों ने स्वास्थ्य देखभाल पर दबाव और मांग पैदा की है। नर्सों की सेवाएं इन चुनौतियों पर विजय प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा सृजित प्रतिसंवेदना प्रणाली हेतु आवश्यक है। देश के नर्सिंग कर्मी निरंतर बेहतर रूप से शिक्षित और सुप्रशिक्षित होते जा रहे हैं। अब वे रोगियों के साथ बातचीत करने, तथा नागरिकों, समुदायों और नीति निर्माताओं के साथ जुड़ने में निपुण हो गए हैं। अगले पंद्रह वर्षों में उनकी सेवाओं के स्वरूप में उल्लेखनीय बदलाव आएगा। इस क्षेत्र में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए नवान्वेषण और नेतृत्व के नए स्तर की आवश्यकता होगा। फिर भी, एक चीज बनी रहेगी और वह है, विश्व के सभी श्रेष्ठ समुदाय संवेदना, समानुभूति और मानवता के लिए भारतीय नर्सों पर निर्भर रहेंगे।
यह विज्ञप्ति 1315 बजे जारी की गई