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म्यांमार सेना के सेनाध्यक्ष ने राष्ट्रपति जी से भेंट की

राष्ट्रपति भवन : 12.12.2013

म्यांमार की सेना के सेनाध्यक्ष तथा रक्षा सेनाओं के उप कमांडर-इन-चीफ, वाइस सीनियर जनरल सो विन ने कल (11 दिसंबर 2013) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।

वाइस सीनियर जनरल का भारत में स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत-म्यांमार के द्विपक्षीय संबंधों में पिछले दो वर्षों के दौरान तेजी से विकास और विस्तार हुआ है। भारत इन संबंधों को आगे बढ़ाने को तैयार है, खासकर जिस समय म्यांमार-दूरगामी राजनीतिक तथा आर्थिक सुधारों में लगा है। भारत पिछले दो वर्षों में म्यांमार के साथ रक्षा सहयोग में वृद्धि और विस्तार के लिए प्रयासरत रहा है।

राष्ट्रपति ने यह याद दिलाया कि मई 2012 में हमारे प्रधानमंत्री की म्यांमार की यात्रा के दौरान दोनों देशों ने सीमा क्षेत्रों में शांति, सुरक्षा तथा स्थाईत्व बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों और सीमा रक्षा एजेंसियों के बीच अधिक सहयोग पर बल दिया था, जो समग्र विकास के लिए अत्यंत जरूरी है।

राष्ट्रपति ने इस बात की सराहना की कि म्यांमार ने 2012 में भारत की तीनों सेनाओं के सेनाध्यक्षों की मेजबानी की। उन्होंने कहा कि भारत को अगस्त 2012 में म्यांमार रक्षा सेनाओं के प्रमुख, सीनियर जनरल मिन ऑग हलांग तथा उनके शिष्टमंडल का स्वागत करके खुशी हुई थी। उन्होंने बताया कि भारत की रक्षा सेनाओं ने भारत सरकार के आईटीईसी कार्यक्रम के तहत म्यांमार की सेना को प्रशिक्षण देने और क्षमता निर्माण करने में सहायता प्रदान की। राष्ट्रपति जी विश्वास व्यक्त किया कि वाइस सीनियर जनरल की यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे।

राष्ट्रपति के संबोधन के प्रत्युत्तर में वाइस सीनियर जनरल ने कहा कि म्यांमार सरकार सीमा पर शांति और सहयोग के महत्व से अवगत है तथा वह भारत के साथ अपना सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार है। उन्होंने मई 2012 में प्रधानमंत्री तथा म्यांमार के राष्ट्रपति द्वारा दिए गए संयुक्त आश्वासन को दोहराया कि दोनों में किसी भी देश की भूमि का न तो प्रशिक्षण, प्रश्रय के लिए और न ही आतंकवादी और अतिवादी संगठनों और उनके कार्यकर्ताओं द्वारा दूसरे देश के लिए हानिकारक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा।

यह विज्ञप्ति 1830 बजे जारी की गई।