भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (13 मार्च, 2015) राष्ट्रपति भवन में नवान्वेषणों के वित्तपोषण पर बैंक एवं वित्तीय सेक्टर के प्रमुखों की गोल-मेज परिचर्चा में भाग लिया।
इस अवसर पर बोलते हुए, श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि उच्च विकास की हमारी परिकल्पना का साकार होना सभी सेक्टरों में उत्पादकता सुधारों से ही संभव है। विभिन्न खंडों में, विभिन्न स्तरों पर तथा विभिन्न वर्गों के लिए नवान्वेषणों के होने से इस प्रक्रिया में काफी सहायता मिलेगी। नवान्वेषण की विकास यात्रा में किसी नवीन विचार को एक व्यवहार्य उत्पाद में बदलना शामिल है। पूरी नवान्वेषण मूल्य-शृंखला में बैंकिंग प्रणाली का महत्त्व सर्वोपरि है क्योंकि नवान्वेषणों का वित्तपोषण एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण कदम है।
राष्ट्रपति ने कहा कि नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान के सहयोग से, बैंकिंग प्रणाली नवान्वेषकों की वित्तीय जरूरतों का आकलन करने और उन्हें पूरा करने के लिए हर जिले में मार्गदर्शकों का पूल तैयार करने में सहायता दे सकती है। बैंकों को नवान्वेषकों तक पहुंचने, उनका मार्गदर्शन करने,तथा जहां भी संभव हो, उन्हें ऐसे अपने अन्य ग्राहकों से जोड़ने के लिए पहल करनी होगी जो उन्हें अपने बाजार का विस्तार करने में सहयोग कर सकें। रचनात्मक लोगों और सफल ग्राहकों के बीच संयोजकता बनाने की यह भूमिका संस्थागत नवान्वेषण में आमूल-चूल बदलाव ला सकती है। एक बैंक प्रबंधक एक घंटे में नवान्वेषक के लिए इतने अवसर जुटा सकता है जितना कि संभवत: नवान्वेषक एक वर्ष में कर पाएगा। बैंकों के लिए नवान्वेषकों को प्रबंधकीय सहयोग सुनिश्चित करने के लिए एक निगरानी तंत्र स्थापित करना ठीक रहेगा। नवान्वेषकों के बीच इस बात की अधिक जागरूकता पैदा करने की जरूरत है कि-सहायता उपलब्ध-है।
राष्ट्रपति ने कहा कि क्षमता निर्माण समावेशी नवान्वेषण प्रणाली का एक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम है। इस संदर्भ में उन्होंने बैंकों से आग्रह किया कि वे अगले वर्ष अपने कुछ प्रबंधकों को नवान्वेषण उत्सव में भेजें। इससे बैंक कर्मियों को नवान्वेषकों से मिलने तथा उन्हें किस तरह अच्छे से अच्छा सहयोग दिया जा सकता है इस बात को गहराई से समझने का अवसर मिलेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि समावेशी संस्थागत व्यवस्थाएं नवान्वेषकों तथा नवान्वेषण आधारित उद्यमों को सफलता का उचित मौका प्रदान करने के लिए जरूरी हैं। हमारे देश में बैंकिंग नेटवर्क को इन नए नवान्वेषण उद्यमों को सहयोग देने की चुनौती को पूरा करने के लिए पूर्णत: तैयार होना चाहिए।
यह विज्ञप्ति 1400 बजे जारी की गई।