भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी कल (14 मई, 2015) राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में वर्ष 2011-12तथा 2012-13 के ‘शास्त्रीय तमिल के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार’ प्रदान करेंगे।
शास्त्रीय तमिल के लिए राष्ट्रपति पुरस्कारों की स्थापना उन विशिष्ट विद्वानों को मान्यता प्रदान करने और सम्मानित करने के लिए की गई थी जिन्होंने शास्त्रीय तमिल भाषा एवं साहित्य को विशिष्ट योगदान दिया है। इन पुरस्कारों में ‘थोलकाप्पियर’ पुरस्कार तमिल अध्ययन के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए किसी भारतीय को दिया जाने वाला आजीवन उपलब्धि पुरस्कार;शास्त्रीय तमिल के लिए गैर भारतीय मूल के प्रख्यात विद्वानों को दो ‘कुराल पीडम’ पुरस्कार तथा तमिल अध्ययन और प्रकाशन में रुचि दिखाने तथा उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए 30-40 आयु समूह में युवा विद्वानों को पांच ‘युवा विद्वान पुरस्कार’शामिल हैं।
यह विज्ञप्ति 1400 बजे जारी की गई।