फिलस्तीन राष्ट्र के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कल (12 अक्तूबर, 2015) को रामल्लाह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सम्मान में राजभोज का आयोजन किया।
अपने राजभोज अभिभाषण में, राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि भारत फिलस्तीन के साथ अपनी चिरस्थायी मैत्री को अत्यधिक महत्त्व देता है। फिलस्तीन मुद्दे के साथ भारत की समानुभूति तथा फिलस्तीन के लोगों के साथ मैत्री हमारी विदेश नीति का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। भारत सदैव फिलस्तीन के साथ मौजूद रहा है। फिलस्तीन पर भारत की नीति के तीन प्रमुख आयाम हैं : फिलस्तीनी जनता के साथ एकजुटता; फिलस्तीन के मुद्दे को समर्थन; तथा फिलस्तीन राष्ट्र और इसके क्षमता विकास प्रयासों में साझीदारी। भारतीय नेतृत्व राजनीतिक दायरे में फिलस्तीनी मुद्दे को अपने समर्थन के प्रति दृढ़ और अडिग रहेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता भारत के हित में है। भारत इस विचार को साझा करता है कि चिरस्थायी फिलस्तीनी मुद्दे के समाधान से इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता में योगदान मिलेगा। इसलिए भारत रुकी हुई शांति प्रक्रिया से चिंतित है। भारत एक वार्तागत समाधान का समर्थन करता है जिससे एक संप्रभु, स्वतंत्र, व्यवहार्य और संगठित फिलस्तीन देश जिसकी राजधानी पूर्वी येरुशलम हो तथा वह सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर हो। भारत फिलस्तीन को क्वार्टेट रोडमैप और सम्बन्धित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्तावों के अनुमोदन के अनुसार इजराइल के साथ शांतिपूर्ण ढंग से रहते हुए देखना चाहता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत का यह दृढ़ विश्वास है कि फिलस्तीन मुद्दे के एक न्यायपूर्ण, स्थायी, व्यापक और शांतिपूर्ण समाधान की खोज के लिए संवाद ही एकमात्र व्यवहार्य विकल्प है। स्थायी और टिकाऊ शांति की खोज में कूटनीति और राजनेतृत्व को घृणा और हिंसा पर नियंत्रण करना होगा। राष्ट्रपति ने सभी संबंधित पक्षों के बीच शांति प्रक्रिया के दोबारा शीघ्र आरंभ होने की गहरी उम्मीद जताई और यह कामना की कि शीघ्र ही इससे इस क्षेत्र में संघर्ष का सौहार्दपूर्ण समाधान होगा।
राष्ट्रपति ने 30 सितंबर, 2015 को संयुक्त राष्ट्र में फिलस्तीन के राष्ट्रीय ध्वज की ऐतिहासिक स्थापना के लिए राष्ट्रपति महमूद अब्बास को बधाई भी दी और कहा कि भारत इस ऐतिहासिक अवसर पर फिलस्तीन के गौरव और उल्लास तथा इस उम्मीद को भी साझा करता है कि यह एक पृथक देश के लिए फिलस्तीन की जनता के स्वप्न को साकार करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
यह विज्ञप्ति 1300 बजे जारी की गई।