18 महिला परिवीक्षाधीनों सहित 64 आर आर (2011 बैच) के 127 भारतीय पुलिस सेवा के परिवीक्षाधीनों ने आज (13 दिसम्बर, 2012) भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की भावी पुलिस की उनकी संकल्पना मात्र कानून लागू करने वाले एक विनियामक निकाय के रूप में नहीं, बल्कि एक सक्रिय सेवा प्रदाता, विकास, प्रगति और शांति में एक साझीदार के रूप में भी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए पुलिस की भूमिका प्रतिक्रियात्मक की बजाय सक्रिय एजेंसी के रूप में बदलने की है जिससे समाज की साझीदारी द्वारा विकास और समृद्धि का लाभ उठाने के लिए एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित वातावरण तैयार होता है।
परिवीक्षाधीनों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें ज्ञात है कि उनकी अकादमी ने पहले ही सशक्त समाज के लिए जागरूक पुलिस का आदर्श अपनाया हुआ है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए, उन्हें जन सम्मान अर्जित करने हेतु कानून के स्वैच्छिक अनुपालन में जनता का सहयोग और मदद प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना होगा।
भारतीय पुलिस सेवा अधिकारियों के 64 नियमित बैच ने 2 नवम्बर, 2012 को राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में 46 सप्ताह का प्रशिक्षण पूरा किया है और उसके बाद के दो सप्ताह के अध्ययन एवं सांस्कृतिक यात्रा तथा दो सप्ताह तक सी.आर.पी.एफ. और सेना के साथ भी संलग्न रहे हैं। वे वर्तमान में विभिन्न केन्द्रीय पुलिस संगठनों और केन्द्रीय सशस्त्र सेना, नई दिल्ली के साथ उनके कार्य से परिचित होने हेतु जुड़े हुए हैं।
यह विज्ञप्ति 1335 बजे जारी की गई