भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (14 जनवरी, 2016) नई दिल्ली में यकृत और पित्त विज्ञान संस्थान के छठे स्थापना दिवस और तीसरे दीक्षांत समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि यकृत और पित्त विज्ञान संस्थान ने छह वर्ष की संक्षिप्त अवधि में यकृत और पित्त संबंधित रोगों के क्षेत्र में उन्नत और विशिष्ट अनुसंधान सहित वहनीय लागत पर अत्याधुनिक रोगी देखभाल प्रदान करके लाखों लोगों को उम्मीद दी है। इसका श्रेय संस्थान को जाता है कि इसने उल्लेखनीय सफलता के साथ आज तक सफल यकृत और गुर्दा का प्रत्यारोपण कार्यक्रम आरंभ किया है तथा 283 यकृत और 85 गुर्दे प्रत्यारोपण किए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि संस्थान एक आदर्श बना रहेगा तथा वैश्विक मापदंड के अनुसार यकृत का विशेष देखभाल की सर्वोत्तम चिकित्सीय प्रोटोकॉल तैयार करेगा। उन्होंने यकृत रोग के प्रमुख क्षेत्र में इतने अधिक विशेषज्ञ प्रशिक्षित करने में सफलता के लिए यकृत और पित्त विज्ञान संस्थान की पूरी टीम की सराहना की। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि संस्थान देश में उत्तम जन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के नए युग में प्रवेश करेगा।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्यों में भारत रत्न सी एन आर राव तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उप मुख्यमंत्री, श्री मनीष सिसोदिया शामिल थे।
यह विज्ञप्ति 1400बजे जारी की गई।