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भारत और इजराइल दो समुद्रों द्वारा अलग-अलग हैं परंतु विविधता और लोकतंत्र की शक्ति में समान विश्वास से जुड़े हैं

राष्ट्रपति भवन : 14.10.2015

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि भारत और इजराइल दो समुद्रों द्वारा अलग-अलग है परंतु विविधता और लोकतंत्र की शक्ति में समान विश्वास से जुड़े हैं। वह आज (14 अक्तूबर, 2015)येरूशलम, इजराइल में नेसेट के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय जनता ने सदैव कृषि, किबुज व्यवस्था के क्षेत्र में इजराइली नवान्वेषण तथा इसके वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की उल्लेखनीय उपलब्धियों की सराहना की है। हम दृढ़ इच्छा और संकल्प की प्रशंसा करते हैं जिसके द्वारा यहूदी जनता अपने प्रबल उत्साह से अकथनीय कष्ट और अभाव की गर्त से ऊपर उठी है और उसने ऐसा राष्ट्र बनाया है जो आज एक उन्नत, प्रगतिशील और समृद्ध समाज के रूप में अनेक क्षेत्रों में विश्व का नेतृत्व कर रहा है। भारत को वह सहायता याद है जब इजराइली सरकार ने 1999 में भारत को अत्यंत तात्कालिक महत्त्वपूर्ण रक्षा आपूर्ति तुरंत प्रदान की थी। भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के उपयुक्त दावे को इजराइल से प्राप्त समर्थन की सराहना करता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुस्तरीय संगठनों में विकासशील देशों का एक सशक्त स्वर रहा है। हम गौर करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का प्रशासनिक ढांचा निर्णयों को लागू करने में अधिक प्रभावी नहीं है। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में हुई थी। आज इसके संगठनों को विश्व के समक्ष चुनौतियों के प्रति और सक्रिय होना होगा तथा परिवर्तित विश्व को और अधिक प्रतिबिम्बित करने के लिए इसके ढांचे और प्रशासनिक व वित्तीय संरचना में सुधार करने की जरूरत है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार ने भारत में निर्माणअभियान आरंभ किया है। भारत में निर्माण के लिए इजराइली नवान्वेषण और प्रौद्योगिकी भारतीय इंजीनियरी व आकार के साथ जुड़ सकते हैं। ऐसी, विशेषकर रक्षा क्षेत्र में साझीदारी नए बाजार स्थापित करने तथा भारत और इजराइल दोनों में और रोजगार पैदा कर सकती है।

राष्ट्रपति ने संसदीय समकक्षों के साथ बातचीत करने तथा द्विपक्षीय परामर्श को समृद्ध बनाने में योगदान के लिए नेसेट के सदस्यों को भारत आने का निमंत्रण दिया।

 

यह विज्ञप्ति 1830 बजे जारी की गई।