भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा भारत हमारी अपनी-अपनी जनता की प्रगति तथा विश्व के इस भाग में शांति के लिए इजराइल के साथ घनिष्ठ सहयोग बढ़ाने की उम्मीद करता है। राष्ट्रपति ने आज (14 अक्तूबर, 2015) येरूशलम, इजराइल में उनके सम्मान में एक स्वागत समारोह के तुरंत बाद प्रेस तथा शिष्टमंडल को अपने आरंभिक उद्बोधन के बाद कहा।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत इजराइल के साथ अपने संबंध को अत्यंत महत्व देता है। भारत और इजराइल के संबंधों में विगत कुछ वर्षों के दौरान तीव्र गति आई है। हम रक्षा और कृषि से लेकर विज्ञान, अनुसंधान और नवान्वेषण के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और सहकार्य कर रहे हैं। हम पूरकता के ऐसे नए क्षेत्रों की खोज और पहचान भी कर रहे हैं जिन्हें कार्यान्वित करने की काफी गुंजाइश है। परस्पर लाभकारी सहयोग के प्रचुर अवसर हैं। एशिया और विश्व की दो प्रमुख ज्ञानसंपन्न अर्थव्यवस्थाओं के रूप में भारत और इजरायल में बहुत सी खूबियां हैं और उन्हें एक दूसरे से बहुत कुछ सीखना है। राष्ट्रपति ने कहा कि वे अपनी यात्रा के दौरान इजराइली नेतृत्व के साथ आतंकवाद और उग्रवाद के बढ़ते खतरे, जलवायु परिवर्तन की साझी चिंताओं तथा वैश्विक शासन ढांचे के सुधार की अविलंब आवश्यकता सहित वर्तमान में भारत और इजराइल के समक्ष अनेक वैश्विक चुनौतियों पर विचार-विमर्श करेंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत हाल की हिंसा से दुखी है। सभी रूपों में आतंकवाद की निंदा करता है। हमने सदैव सभी विवादों के एक शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन किया है। वह इस क्षेत्र में नवीनतम घटनाक्रम के बारे में इजराइली नेतृत्व का मूल्यांकन प्राप्त करेंगे जिसने समूचे विश्व में चिंता पैदा कर दी है तथा जिससे भारत पर सीधे प्रभाव पड़ता है।
यह विज्ञप्ति1345 बजे जारी की गई।