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भारत के राष्ट्रपति ने 34वें भारतीय अंतराष्ट्रीय व्यापार मेले का उद्घाटन किया

राष्ट्रपति भवन : 14.11.2014

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (14 नवम्बर, 2014) नई दिल्ली में 34वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि अब जब भारत विकास के अगले चरण में प्रवेश कर रहा है सर्वत्र उत्साह तथा ऊर्जा दिखाई दे रही है। भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला भारत की मूलभूत शक्ति का समारोह है विशेषकर जब देश विश्व का एक विनिर्माण केन्द्र बनने का प्रयास कर रहा है। आरंभ से ही यह समारोह भारत की सामाजिक-आर्थिक प्रगति को प्रदर्शित कर रहा है। इसने दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक मुद्दों के साथ प्रौद्योगिकी के वाणिज्यिक सामंजस्य को बढ़ावा देने में एक उल्लेखनीय भूमिका भी निभाई है। तीन दशकों से अधिक अवधि के दौरान अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले की श्रेणी और आकार के व्यापार मेले कारों, इलेक्ट्रोनिक्स तथा विद्युत घरेलू उपकरणों जैसे बड़ी संख्या में उपभोक्ता उत्पादों के लिए सफलतापूर्वक शुभारंभ करने का मंच रहा है। तथापि इससे महत्त्वपूर्ण है कि मेला लघु और सूक्ष्म उद्यमों के लिए उनके उत्पाद प्रदर्शित करने तथा भारत के व्यापारियों अथवा विदेश के आयातकों के सर्वोत्तम उत्पादों को प्राप्त करने का एक उत्कृष्ट मंच बना हुआ है।

राष्ट्रपति जी ने इस समारोह में, जो उनके अनुसार रंगबिरंगे भारत का प्रतिरूप माना जाता है, विदेशी मित्रों, प्रदर्शकों, प्रतिनिधियों तथा राजनयिक समूह के सदस्यों का विशेष तौर से स्वागत किया। राष्ट्रपति ने कहा कि प्राचीन काल से ही व्यापार और वाणिज्य विभिन्न सभ्यताओं के बीच समृद्धि और शांति का पर्याय रहे हैं। मुक्त व्यापार जीवन स्तर और सम्पत्ति में वृद्धि करके सभी राष्ट्रों को लाभान्वित करता है। मुक्त व्यापार शांति और सौहार्द को भी प्रोत्साहित करता है क्योंकि व्यापार से देश वाणिज्यिक रूप से परस्पर निर्भर बनते हैं तथा इससे सांस्कृतिक सामंजस्य और द्वन्द्व से बचाव की प्रेरणा मिलती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि मेले में प्रतिवर्ष देश भर के घरेलू तथा सम्पूर्ण विश्व के दर्शकों सहित लगभग 2 मिलियन लोग आते हैं तथा ऐसे लाखों दर्शक हैं जो अपने कंप्यूटर पर मेले को देखते हैं। उन्होंने भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन को इस मेले के विषय के तौर पर महिला उद्यमीचुनने तथा महिला उद्यमियों की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए रियायती दरों पर अलग क्षेत्र निर्धारित करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारतीय महिलाओं में ऊर्जा, पहल,संकल्प, दक्षता और प्रतिभा का मिश्रण है तथा राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान असीम है। उन्होंने कहा कि यह संतोष का विषय है कि अधिकांश राज्य और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के मंडप बालिका सशक्तीकरण,स्वास्थ्य देखभाल, ई-शासन के माध्यम से पारदर्शिता, पर्यावरण संरक्षण तथा स्वच्छ भारत मिशन के प्रति अपनी पहलों को प्रदर्शित कर रहे हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत क्रय-शक्ति समता के मामले में विश्व की तीसरी विशालतम अर्थव्यवस्था है। भारत विश्व की एक सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था भी है। 2004-05 से 2013-14 के दशक के दौरान, हमारी अर्थव्यवस्था प्रतिवर्ष 7.6 प्रतिशत की औसत दर से बढ़ी। वर्तमान वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही में,भारतीय अर्थव्यवस्था ने 5.7 प्रतिशत की विकास दर हासिल की है। गत वर्ष 264.8 मिलियन टन के भरपूर खाद्यान्न उत्पादन से कृषि क्षेत्र 2013-14 में 4.7 प्रतिशत की अच्छी गति से बढ़ा। भारत पहले ही विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का पसंदीदा गंतव्य है। विगत तीन वर्षों के दौरान विदेशी प्रत्यक्ष निवेश अन्त:प्रवाह 117बिलियन अमरीकी डॉलर से ज्यादा था। विदेशी प्रत्यक्ष निवेश अन्त:प्रवाह को सुचारू बनाने के लिए, हमने हाल ही में बीमा और रक्षा विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश सीमा को बढ़ा दिया है तथा रेलवे अवसंरचना में 100 प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को अनुमति दी है। इससे हम विदेशी निवेशकों का एक अधिक विश्वस्तरीय गंतव्य बन जाएंगे। भारत में निर्माणकार्यक्रम भी हमारी अर्थव्यवस्था को एक निवेशक अनुकूल गंतव्य बनाने का शानदार अवसर मुहैया करवाएगा।

राष्ट्रपति ने भारत और विदेश के, विशेषकर साझीदार देश दक्षिण अफ्रीकाफोकस देशथाइलैंडतथा फोकस राज्य दिल्ली के,सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा उम्मीद व्यक्त की कि मेले का यह संस्करण खरीददार और निवेशकों को सूचना प्रदान करेगा और उन्हें जोड़ेगा। उन्होंने यह उम्मीद भी जाहिर की कि इससे भारत के बारे में समझ बढ़ेगी तथा यह भारत निर्माणअभियान को नवगति प्रदान करेगा।

 

यह विज्ञप्ति 1420 बजे जारी की गई।