भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने कल (14 फरवरी, 2013) राष्ट्रपति भवन में फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति श्री फ्रौंस्वा ओलौन्द के सम्मान में राज भोज दिया।
फ्रांस के राष्ट्रपति का, उनकी भारत की पहली राजकीय यात्रा पर स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी यात्रा, भारत और फ्रांस के बीच मौजूद उच्च स्तर की समझ पर खुशी मनाने का एक ओर अवसर है। दोनों देशों ने लम्बे समय से, साझा सिद्धांतों तथा मूल्यों और आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बहुत से तालमेलों पर आधारित प्रगाढ़ और ठोस रिश्ता कायम किया है। यह रिश्ता आपसी सम्मान, नियमित वार्ता तथा रचनात्मक आदान-प्रदान से समृद्ध हुआ है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विभिन्न सेक्टरों में द्विपक्षीय सहयोग पर आधारित हमारी दीर्घकालीन मित्रता से हम दोनों को लाभ हुआ है। परिणामस्वरूप, इस समय भारत में 700 से अधिक फ्रांसीसी उद्यमों द्वारा निवेश किया जा रहा है तथा भारतीय कंपनियां भी फ्रांस में अधिक से अधिक अवसरों की तलाश कर रही हैं। 2011-2012 में हमारा द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर लगभग 9 बिलियन अमरीकी डालर हो चुका है तथा आज फ्रांस भारत में 9वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है। संयुक्त पहलें, जिसमें अंतरिक्ष रक्षा उत्पादन तथा सिविल परमाणु सहयोग के सामरिक क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण तथा सहयोगत्मक विकास शामिल हैं, विशेषकर सफल रही हैं।
फ्रांस भारत के सबसे पुराने, सबसे नजदीकी तथा सबसे विश्वसनीय सहयोगियों में से एक रहा है। दोनों देश, समावेशी विकास के नए वैश्विक कार्यक्रम को तैयार करने के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय प्रयास करने की तथा वैश्विक व्यवस्था को पुन: सशक्त बनाने और इसके प्रमुख अंगों में सुधार की जरूरत पर सहमत हुए। राष्ट्रपति ने इस बात को दोहराया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के भारत के न्यायोचित दावे के लिए फ्रांस के निरंतर समर्थन की भारत सराहना करता है। राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि फ्रांस के राष्ट्रपति के नेतृत्व में, भारत-फ्रांस की सामरिक साझीदारी बढ़ती रहेगी और आने वाले समय में और भी परिपक्व होगी।
यह विज्ञप्ति 1300 बजे जारी की गई