भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने युवाओं का आह्वान किया कि वे भारत को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के उच्च मंच तक पहुंचाने के लिए लम्बी यात्रा की शुरुआत करें।
आज (15 अप्रैल 2015)राष्ट्रपति भवन में आवासी कार्यक्रम में भाग ले रहे देश भर के 17राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के छात्रों के प्रथम बैच को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वह साहस के साथ चुनौतियों का सामना करने और उनका समाधान ढूंढने के प्रति उनकी तत्परता से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि यदि हमारे देश के युवा इस जज़्बे को बनाए रखेंगे तो भारत अपने समक्ष सभी चुनौतियों पर विजय प्राप्त करने में सफल होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के लोगों ने लंबे समय तक प्रतीक्षा की है और युवा अधीर हैं। अब जरूरत इस बात की है कि हम फुर्ती से आत्म विश्वास के साथ अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ें। उन्होंने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के छात्रों से उनके संस्थान द्वारा प्रदान किए गए कौशल का सर्वोत्तम प्रयोग करने तथा राष्ट्र को नया स्वरूप प्रदान करने के कार्य में जुट जाने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने आज के युवाओं को नवीन, सूचना प्रौद्योगिकी में दक्ष पीढ़ी बताया तथा उनसे भारत के विकास और प्रगति के लिए भरसक प्रयास करने के लिए कहा। उन्होंने युवाओं को हमारे राष्ट्र की रोशनी बताया और उनसे विश्वास और दृढ़संकल्प के साथ आगे बढ़कर अपने सपनों को साकार करने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति की सचिव, श्रीमती ओमिता पॉल ने आवासी कार्यक्रम को एक ऐसा सुखद अनुभव बताया जो यह विश्वास दिलाता है कि अगली पीढ़ी भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है और सही दिशा में चिंतन कर रही है।
सभी छात्रों ने राष्ट्रपति को संबोधित किया तथा भारत के बारे में अपने स्वप्नों के बारे में बताया। बहुत से छात्रों ने कहा कि वे भारत को एक ऐसे विकसित राष्ट्र के रूप में देखने के लिए व्यग्र हैं,जो अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में विश्व राष्ट्रों का अग्रणी हो । छात्रों ॒ने राष्ट्रपति भवन के अपने प्रवास को अपने जीवन का महानतम् और ऐसा अनुभव बताया जिसे वे कभी नहीं भुला पाएंगे। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता बताई कि भारत सभी के लिए, विशेषकर महिलाओं के लिए, सुरक्षित बने। यह एक संगठित देश है जहां शिक्षा और प्रौद्योगिकी सभी के लिए उपलब्ध और सुलभ है। उन्होंने एक ऐसे भारत के निर्माण के बारे में बात की जो निर्धनता, असमानता और शोषण से मुक्त हो। कुछ छात्र अपने संस्थान के निकट गांवों को गोद लेने तथा लोगों की बेहतरी के लिए कार्य करने के लिए स्वेच्छा से आगे आए। उन्होंने समाज को लौटाने के महत्व पर तथा भारत को और अधिक स्वच्छ और हरा भरा बनाने पर बल दिया। कुछ छात्रों ने विश्व स्तरीय अवसरंचना,सतत विकास, जनसांख्यिकीय लाभ का उपयोग तथा पर्यावरण के संरक्षण पर बल दिया। भारत के पूर्वोत्तर हिस्से के छात्रों ने आसियान देशों के साथ पूर्वोत्तर को जोड़ने की जरूरत पर बल दिया।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्रों ने कहा कि राष्ट्रपति भवन में उनके प्रवास ने उनमें राष्ट्र प्रेम,साहस की भावना तथा परिश्रम करने की इच्छा शक्ति भर दी है। राष्ट्रपति जी से मुलाकात और उनसे बातचीत ने उन्हें राष्ट्र की प्रगति के लिए स्वयं को समर्पित करने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने एक अभिनव और श्रेष्ठ भारत के निर्माण के लिए अपना सर्वोत्तम योगदान देने का वायदा किया।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्र आवासी कार्यक्रम के तहत 11 अप्रैल से 17 अप्रैल, 2015 तक राष्ट्रपति भवन में रहे। उनके कार्यकलापों में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों से संपर्क, स्थानीय उद्योगों, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान,दिल्ली तथा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली का भ्रमण तथा राष्ट्रपति भवन में एक संवाद कार्यशाला शामिल थे।
भारत के राष्ट्रपति ने अक्तूबर 2014में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के निदेशकों के वार्षिक सम्मेलन में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के लिए आवासी कार्यक्रम की घोषणा की थी। ऐसा ही कार्यक्रम लेखकों, कलाकारों और बुनियादी नवान्वेषकों के लिए पहले से चल रहे हैं। शीघ्र ही इसका विस्तार केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के प्रेरित शिक्षकों के लिए किया जाएगा।
यह विज्ञप्ति 1740 बजे जारी की गई।