भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (15 अप्रैल, 2016) वेलिंग्टन, तमिलनाडु के रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज के 71वें स्टाफ पाठ्यक्रम के दीक्षांत समारोह में भाग लिया। स्नातक अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने उनका आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें हमारे राष्ट्रीय हितों के अनुरूप संप्रभुता बनाए रखने के लिए शांति और सुरक्षा के संरक्षकों के रूप में देश को आवश्यकता पड़ने पर सेना की युद्धक शक्ति का प्रभावी प्रयोग करना चाहिए। सशस्त्र सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर के रूप में उन्होंने उनसे निष्ठा, उत्कृष्टता, दृढ़ता और देशहित की भावना से अपना कर्तव्य निभाने के लिए कहा।
राष्ट्रपति ने मित्र देशों के स्नातक अधिकारियों को बधाई दी और उम्मीद जाहिर की कि मैत्री और सहयोग के गहरे संबंध जो उन्होंने स्थापित किए है वे हमारे राष्ट्रों के बीच भाईचारे के स्थायी रिश्तों में बदल जाएंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज एक उत्कृष्ट प्रतिष्ठान है जो विविध संघर्षपूर्ण वातावरण में तीनों सेनाओं के समेकित कार्यों में सहयोग देता है। उन्होंने कहा कि इस कॉलेज का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम हमारी सशस्त्र सेनाओं में एकजुटता पैदा करेगा। युद्ध का इतिहास इस सच्चाई का प्रमाण है कि युद्ध में अंतत: विजय तीनों सेनाओं की एकजुटता द्वारा ही प्राप्त की जाएगी।
यह विज्ञप्ति 1600बजे जारी की गई।