भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी कल (17 जनवरी, 2014) राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में संस्कृत, पाली/प्राकृत, अरबी तथा फारसी के प्रख्यात विद्वानों को सम्मान-पत्र तथा युवा विद्वानों को वर्ष 2012 और 13 के लिए महर्षि बदरायण व्यास सम्मान प्रदान करेंगे।
सम्मान-पत्र प्रदान करने की इस योजना को मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 1958 में संस्कृत, अरबी और फारसी भाषाओं के विद्वानों को सम्मानित करने के लिए शुरू किया गया था। 1996 में इस योजना में पाली/प्राकृत को शामिल किया गया। वर्ष 2008 से, इस योजना में विस्तार करते हुए इसमें संस्कृत में आजीवन उपलब्धियों के लिए किसि अप्रवासी भारतीय अथवा विदेशी व्यक्ति के लिए अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार शामिल किया गया।
संस्कृत, पाली/प्राकृत, अरबी तथा फारसी के क्षेत्र में 30 से 40 वर्ष के युवा विद्वानों को महर्षि बदरायण व्यास सम्मान वर्ष 2002 से शुरू किया गया।
यह विज्ञप्ति 1730 बजे जारी की गई।