भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (16 अप्रैल, 2013) सिक्किम विश्वविद्यालय परिसर की आधारशिला रखी।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सिक्किम विश्वविद्यालय में दक्षिणपूर्व एशिया के देशों के साथ ही भारत के अन्य क्षेत्रों के लिए ज्ञान, अनुसंधान तथा नवान्वेषण का केंद्र बनकर उभरने की क्षमता है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि यह विश्वविद्यालय स्थानीयता का वैश्विकता के साथ संबंध स्थापित कर रहा है। उन्होंने प्राचीन भारत के उन महान विश्वविद्यालयों का स्मरण किया जिनमें दुनिया-भर से विद्यार्थी तथा शिक्षक आते थे और कहा कि यदि हम शिक्षा पर समुचित ध्यान दें तो भारत अपने प्राचीन गौरव को पुन: पा सकता है।
राष्ट्रपति ने सिक्किम विश्वविद्यालय के प्राधिकारियों, विद्यार्थियों तथा संकाय का आह्वान किया कि वे इस विश्वविद्यालय को दुनिया के सर्वोत्तम विश्वविद्यालयों की श्रेणी में लाने के लिए अग्रणी भूमिका निभाएं। इस बात का उल्लेख करते हुए कि दुनिया के सर्वोत्तम 200 विश्वविद्यालयों में भारत का कोई भी विश्वविद्यालय नहीं है, तथा भारत पेटेन्ट आवेदन प्रस्तुत करने के मामले में चीन और अमरीका से पीछे है, उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी चुनौती है तथा यह सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है कि हमारे विश्वविद्यालय सर्वोत्तम संस्थानों के रूप में आगे आएं।
यह विज्ञप्ति 1915 बजे जारी की गई