भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (17 जनवरी, 2015) राष्ट्रपति भवन में बच्चों को पोलियो की बूंदें पिलाकर पल्स पोलियो प्रतिरक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
राष्ट्रीय प्रतिरक्षण दिवस का आयोजन 18 जनवरी, 2015 को रखा गया है। इस क्षेत्र से पोलियो उन्मूलन की निरंतरता बनाए रखने के भारत सरकार की कोशिश के तहत पांच वर्ष से छोटे बच्चों को पोलियो की बूंदें पिलाई जाएंगी।
भारत द्वारा 1995 से पल्स पोलियो कार्यक्रम का कार्यान्वयन किया जा रहा है। भारत में प्रचंड पोलियो का अंतिम मामला 13 जनवरी, 2011 को रिपोर्ट किया गया था। विश्व स्वास्थ संगठन के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र को 27 मार्च, 2014 को ‘पोलियो मुक्त’ प्रमाणित किया गया है जिसका तात्पर्य यह है कि भारत, बांग्लादेश,भूटान, कोरिया लोकतांत्रिक जनवादी गणराज्य,इंडोनेशिया, मालदीव, म्यांमार,नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड तथा तिमोर लेस्टे के 11 देशों के ब्लाक में प्रचंड पोलियो जीवाणु की पिछले तीन वर्षों से रोकथाम कर दी गई है।
भारत को इसके देश के अंदर से फैलने तथा बाहर से आने के मौजूद खतरे का अहसास है। जिन देशों में यह निरंतर फैल रहा है उन देशों से प्रचंड पोलियो विषाणु के आने का खतरा अभी भी मौजूद है और इसीलिए जनता में उच्च कोटि के प्रतिरक्षण को बनाए रखना जरूरी है। अत: भारत सरकार ने राष्ट्रीय प्रतिरक्षण दिवस तथा उप-राष्ट्रीय प्रतिरक्षण दिवस के अवसर पर बच्चों को पोलियो की दवा देना जारी रखा है।
यह विज्ञप्ति 1310 बजे जारी की गई