स्टार्टअप के लिए पूंजी के घरेलू भण्डार में वृद्धि, नवान्वेषण के वित्तीयन में बैंक द्वारा और अधिक सहभागिता तथा बोर्ड स्तर पर इस बारे में नीति तैयार करते हुए राष्ट्रीय नवान्वेषण उन्नयन बोर्ड की स्थापना कुछ ऐसी संस्तुतियां थीं जो सप्ताह भर चले नवान्वेषण उत्सव के भाग के तौर पर (17 मार्च, 2016) राष्ट्रपति भवन में आयोजित नवान्वेषण के वित्तपोषण पर गोलमेज परिचर्चा में की गई।
(1) नवान्वेषण के वित्तपोषण के लिए वित्तीयन विकल्प (2) स्टार्टअप व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर दो पैनलों का विचार-विमर्श हुआ। पैनलों में श्री के.के.जालान, सचिव सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय,श्री अश्विनी कुमार,अध्यक्ष, आईबीए, श्री टी.एम. भसीन, सतर्कता आयुक्त, श्री एम.पी. होता, प्रबंध निदेशक, एनपीसीआई, सुश्री बिंदु डे, सचिव, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड,श्री विजय शेखर शर्मा, संस्थापक, पेटीएम, श्री शरद शर्मा, आई स्प्रिट तथा डॉ. सौरभ श्रीवास्तव,संस्थापक, भारतीय एंजल नेटवर्क शामिल थे। डॉ. छत्रपति शिवाजी, मुख्य प्रबंध निदेशक, सिडबी ने परिचर्चा की अध्यक्षता की और ध्यान दिलाया कि राष्ट्रपति द्वारा आरंभ मंच www.sidbistartupmitra.com अनूठा है और अपनी तरह का है क्योंकि यह स्टार्टअप व्यवस्था के अंतर्गत भागीदारों के बीच डिजीटल सूचना प्रवाह में मदद करेगा तथा विकास सेवा,वित्तीयन, परामर्शन तथा नेटवर्किंग कार्यकलापों के क्षेत्रों में सार्थक बातचीत और जुड़ाव को सरल बनाएगा।
यह विज्ञप्ति 1810 बजे जारी की गई।