नामीबिया गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति डॉ. हैग जी. गेंगोब ने कल (16 जून, 2016) विंडहॉक में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी के सम्मान में राजभोज का आयोजन किया।
अपने राजभोज अभिभाषण में, राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि अफ्रीका और भारत वर्तमान वैश्वीकृत दुनिया के प्रमुख केन्द्र हैं। उनका हमारे दोनों महाद्वीपों की शांति, सुरक्षा और सतत विकास के लिए मिलकर कार्य करने का दायित्व है। हमारे समान विचार हैं कि द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात स्थापित संयुक्त राष्ट्र और उसके अंगों में सुधार अत्यावश्यक है। हम सहमत हैं उन्हें वर्तमान परिवर्तित विश्व को और अधिक प्रतिबिम्बित करना चाहिए ताकि वे वर्तमान विश्व के सम्मुख जटिल चुनौतियों से प्रभावी रूप से निपट सकें।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता वाले अन्य महत्त्वपूर्ण विश्व मुद्दों के समाधान के साझे प्रयास में नामीबिया के साथ एकजुट होकर कार्य करने की उम्मीद रखता है। एक सुदृढ़ मित्र तथा विश्वसनीय साझीदार के रूप में भारत, इसकी जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने, इसके क्षेत्र में प्रगति तथा विश्व में शांति के लिए सदैव नामीबिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा।
राष्ट्रपति ने कहा भारत ने नामीबिया के साथ अपने द्विपक्षीय सम्बंधों की घनिष्ठता को अत्यधिक महत्त्व देता है। दोनों देशों ने शिक्षा और रक्षा क्षेत्रों में मानव संसाधन विकास, क्षमता निर्माण, सांस्कृतिक आदान-प्रदान तथा घनिष्ठ सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया है। भारत के स्किल इंडिया, भारत में निर्माण, डिजीटल इंडिया तथा 100 स्मार्ट सिटीज जैसे अग्रणी कार्यक्रम नामीबिया में भी कारगर मॉडल बन सकते हैं। दोनों देशों के बीच बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार तथा आर्थिक संबंध हमें उस अत्यधिक क्षमता का स्मरण करवाते हैं जिन्हें साकार किया जाना शेष है। भारत संयुक्त रूप से पहचानी गई परियोजनाओं और पहलों के कार्यान्वयन के प्रति पूर्णत: वचनबद्ध है।
यह विज्ञप्ति 1230 बजे जारी की गई