भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क एवं केंद्रीय उत्पाद) के 65वें बैच के परिवीक्षाधीनों के एक समूह ने आज (17 नवंबर, 2014) भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में इन परिवीक्षाधीनों का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वे सभी शीघ्र ही सार्वजनिक जीवन में अपनी आजीविका शुरू करेंगे तथा उन्हें खुशी है कि उनकी अकादमी उनके नए कार्यभार की शुरुआत से पहले उन्हें इस ऐतिहासिक भवन में लेकर आयी है।
राष्ट्रपति ने इन परिवीक्षाधीनों को सिविल सेवा में चयन पर बधाई दी जो, उनके अनुसार, उनकी कार्यनिष्पादन तथा उपलब्धि प्राप्त करने की क्षमता का परिचायक है। अगले 30 से 40वर्षों के दौरान उन्हें देश की सेवा में अपना सर्वोत्तम कार्य करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने भरोसा जताया कि उनमें से हर एक जरूरत पड़ने पर अपना दायित्व पूरा करते हुए अपना सर्वोत्तम निष्पादन देगा। उन्होंने परिवीक्षाधीनों से राष्ट्र द्वारा उन पर जताए गए भरोसे का सम्मान करने का आग्रह किया क्योंकि सरकार ने उनको कर वसूली का संप्रभु कार्य सौंपा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले वर्षों के दौरान देश में जो आर्थिक बदलाव आए हैं, वह हतप्रभ कर देने वाले हैं। उन्होंने कहा कि ये परिवीक्षाधीन ऐसे समय में सेवा में आ रहे हैं जब देश विकासशील से विकसित अर्थव्यवस्था की ओर बदलाव के संक्रमणकाल में है। उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि इन अधिकारियों को दिए जा रहे प्रशिक्षण ने उन्हें चुनौतियों का सामना करने के लिए अपेक्षित कौशल प्रदान किए हैं।
ये परिवीक्षाधीन इस समय राष्ट्रीय सीमा शुल्क, उत्पाद तथा स्वापक अकादमी, फरीदाबाद में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इन परिवीक्षाधीनों में पांच भूटान की राजशाही से हैं।
यह विज्ञप्ति 1850 बजे जारी की गई।