भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (18 फरवरी, 2013) राष्ट्रपति भवन में वर्ष 2011 के लिए इन्दिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण तथा विकास पुरस्कार स्व-नियोजित महिला एसोसियेशन (सेवा) की सुश्री इला रमेश भट्ट को प्रदान किया।
सुश्री इला भट्ट को बधाई देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उनका व्यक्तित्व और कृतित्व सही मायने में उस दर्शन तथा आदर्शों का प्रतीक है जिनका समर्थन स्वर्गीय प्रधानमंत्री, श्रीमती इन्दिरा गांधी ने किया था। सुश्री इला भट्ट को प्रदान किया गया शांति पुरस्कार, समाज में महिलाओं की बेहतरी तथा मानवता की प्रगति के प्रति उनके अनवरत प्रयासों के सम्मान के लिए है। राष्ट्रपति ने कहा कि सुश्री भट्ट की पहल से हमारे देश और अन्य स्थानों पर ऐसी बहुत सी पहलों को बढ़ावा मिलेगा जो कि समाज के नवीकरण तथा लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए लाक्षित होंगी।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि यदि महिलाओं का हमारी अर्थव्यवस्था के उत्पादक प्रयासों में कम प्रतिनिधित्व होता है तो यह न केवल अविवेकपूर्ण है वरन् सामाजिक प्रगति के लिए भी हानिकारक है। हमारे देश में लैंगिक विसंगति को केवल सक्रिय हस्तक्षेप से महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण, समुचित सामाजिक और भौतिक अवसंरचना के निर्माण तथा शासन में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाकर ही दूर किया जा सकता है। महिलाओं का सशक्तीकरण, न केवल लैंगिक समानता के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए वरन् हमारे सभी नागरिकों की राष्ट्र निर्माण में पूर्ण सहभागिता प्राप्त करने के लिए भी जरूरी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमें उन प्रणालियों और प्रक्रियाओं को मजबूत करना होगा जो महिलाओं को अपने जीवन पर नियंत्रण करने और उस पर दावा जताने के लिए सहयोग प्रदान करती हैं। सशक्तीकरण को सही अर्थ प्रदान करने के लिए हमें उनके लिए विकल्पों की स्वतंत्रता में वृद्धि करनी होगी। क्योंकि गरीब विधवाएं प्राय: अकेले कार्य करने में अक्षम होती है इसलिए उनकी आर्थिक बहाली के लिए सामाजिक प्रयास बहुत जरूरी हैं।
इस मौके पर प्रधानमंत्री तथा श्रीमती सोनिया गांधी सहित बहुत से सम्मानित अतिथि उपस्थित थे।
यह विज्ञप्ति 1330 बजे जारी की गई