म्यामां गणराज्य की महामहिम स्टेट काउंसलर दा आंग सांग सू की ने आज (18 अक्तूबर, 2016) राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
भारत की प्रथम राजकीय यात्रा पर आने पर महामहिम दा आंग सांग सू की का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और म्यामां घनिष्ठ पड़ोसी हैं और एक दूसरे से एक चिरस्थायी संबंध है। इस वर्ष अगस्त में म्यामां के राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान सार्थक बातचीत हुई और दोनों देशों के बीच चार महत्वपूर्ण समझौते हुए।
राष्ट्रपति ने नवंबर, 2015 में आयोजित आम चुनावों में ऐतिहासिक जीत पर महामहिम दा आंग सू की को बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत आम चुनावों के प्रति म्यामां की जनता की भावना तथा संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया के तरीके की सराहना करता है। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि म्यामां में लोकतंत्रीकरण की प्रक्रिया मजबूत हुई है। भारत देश में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए लोकतांत्रिक संस्थानों की स्थापना के लिए इस संक्रमणकाल में म्यामां की मदद करेगा। उन्होंने एक सुदृढ़ लोकतंत्र की स्थापना में सफलता के लिए म्यामां को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि पूर्ण लोकतंत्र में म्यामां के संक्रमण में समय लगेगा और भारत इस प्रक्रिया में म्यामां के साथ है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत म्यामां सरकार के अनुरोध के अनुसार बोधगया में दो पुराने मंदिरों तथा किंग मींडोन और बे गाई दा के शिलालेखों के जीर्णोद्धार का कार्य शीघ्र आरंभ कर देगा। उन्होंने कहा कि इस कार्य को भारत सरकार के वित्तीय सहयोग के द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण करेगा।
महामहिम दा आंग सूंग सू की ने राष्ट्रपति की भावनाओं के प्रत्युत्तर में कहा कि भारत और म्यामां के बीच काफी कुछ एक समान है। उन्होंने कहा कि बदलाव आसानी से नहीं आते और म्यामां को सावधानीपूर्वक संक्रमण की प्रक्रिया पर चलना होगा। म्यामां भारत का सहयोग और समर्थन चाहता है क्योंकि इसकी जनता प्रगति और जीवन की बेहतरी के लिए अग्रसर है।
यह विज्ञप्ति1645बजे जारी की गई।