होम >> प्रेस विज्ञप्ति >> प्रेस विज्ञप्ति विस्तार

भारत के राष्ट्रपति ने भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी तथा सेंट जॉन एंबुलेंस (भारत) की वार्षिक आम बैठक में भाग लिया

राष्ट्रपति भवन : 18.11.2014

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (18 नवम्बर 2014) राष्ट्रपति भवन में भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी तथा सेंट जॉन एंबुलेंस (भारत) की वार्षिक आम बैठक के समारोहिक सत्र की अध्यक्षता की। उन्होंने इस समारोह में जरूरतमंद, बीमार, असहाय, वृद्धों की सेवा करने वालों तथा अन्य लोगों के प्रति दया और देखभाल के उल्लेखनीय कार्यों के लिए व्यक्तियों तथा संस्थाओं को भी सम्मानित किया।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी और सेंट जॉन एंबुलेंस (इंडिया) को भारतीय समाज के सभी हिस्सों में नि:स्वार्थ सेवा और मानवतावादी कार्य के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी तथा सेंट जॉन एंबुलेंस (भारत) को आज भारत के स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं और गैर सरकारी संगठनों का अग्रणी और आदर्श माना जाता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सबसे उन्न्त समाजों में,सरकार तथा गैर सरकारी संगठनों ने उन अचानक होने वाली दुर्घटनाओं के लिए यथासंभव तैयारी करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं जिन्हें हम आपदा कहते हैं। हाल के वर्षों में भारत ने भी अपने अनुभवों से सीखा है और ऐसे उपाय किए हैं। इसलिए जहां 1999में ओडिशा में महाचक्रवात में 10,000 लोगों की जानें गईं, वहीं सरकार द्वारा की गई अग्रिम व्यवस्थाओं के फलस्वरूप ओडिशा और आंध्र प्रदेश के विगत दो चक्रवातों से बहुत कम लोग हताहत हुए। हम आने वाले तूफान के रास्ते में पड़ने वाले मवेशियों, लोगों और संपत्ति की अधिक से अधिक ह़िफाजत और सुरक्षा कर सके। इस कार्य में हमारी सफलता,पहले से तैयारी करने की हमारी प्रौद्योगिकी, क्षमता और योगदान में उल्लेखनीय सुधार को दर्शाती है, जिससे हमारी भूमि पर प्राकृतिक आपदाओं के विनाशकारी प्रभाव को कम न किया जा सके । राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की उपलब्धि को पूर्व चेतावनी तथा समय पर कार्रवाई की विजय के तौर पर माना गया है। तथापि, हमें ज्ञात है कि और कार्य करने की जरूरत है; और निर्बल लोगों को सबल बनाने की आवश्यकता है। उन्हें खुद के बचाव और सुरक्षा के लिए अधिक सक्षम बनना होगा तथा और अधिक समुदायों को रोगों के खतरे तथा प्रकृति की हानिकारक शक्तियों से बचाना होगा । ताकतों से मुक्त करना होगा। यह कार्य पूरा करने के लिए,राज्य संस्थानों तथा सिविल समाज के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता होगी। राष्ट्रपति ने कहा कि अतिरिक्त स्वयंसेवकों, कौशल निर्माण तथा आवश्यक राहत सामग्री का भंडार और आपदा जोखिम की कमी करके सरकार,स्वैच्छिक सेवा समाज तथा स्थानीय समुदाय अधिक तत्परता और योग्यता के साथ संवेदनशील आबादी की मदद कर सकते हैं।

यह विज्ञप्ति1520 बजे जारी की गई।