भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (17दिसम्बर, 2015) राष्ट्रपति भवन में प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष और शिक्षा पर एक गोलमेज विचार-विमर्श का आयोजन किया।
गोलमेज विचार-विमर्श के भागीदारों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि चुनौतियों का सामना करने के लिए पहले से ही तैयार और इस विश्वास के साथ कि विश्व उनका है, युवाओं की भविष्य के प्रति दृष्टि के साथ एक नया भारत उभर रहा है। वे एक संवाद सभा के बाद बोल रहे थे जब कुछ भागीदारों ने शिक्षा में प्रौद्योगिकी के सकारात्मक प्रभाव के प्रवर्तन के विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत के मेधावी युवाओं से एक नया भारत उभरेगा। वे भारत की सबसे प्राचीन सभ्यता से एक नये भारत का सृजन करेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि 700 विश्वविद्यालयों, 47,000 कॉलेजों और अन्य संस्थाओं और 1.4लाख स्कूलों वाले भारत के पास एक ऐसा शैक्षिक ढांचा है जिससे कोई भी द्वेष कर सकता है। यहां प्रतिभा और क्षमता की भी कमी नहीं है। तथापि, जैसा कि उन्होंने प्रत्येक शैक्षिक समागम में बार-बार बल दिया है, विश्व स्तरीय रैंकिंग में उच्चतर स्थान पाने के लिए और अधिक शैक्षिक संस्थाओं की आवश्यकता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष के द्वारा शिक्षा प्रणाली के परिवर्तन के मंच पर महत्वपूर्ण अंतरदृष्टि, इस संबंध में भारत के नीति निर्धारकों और अन्य पणधारियों को सहायता पहुंचायेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि गोलमेज विचार-विमर्श के सभी भागीदारों ने संपत्ति सृजन के लिए नए उत्पाद ढूंढे हैं। उनकी विशिष्टता और अभियान से उन्हें और भी अधिक सफलता मिल सकती है।
विचार-विमर्श में भागीदार प्रतिष्ठित व्यक्तियों में श्री सुंदर पिचाई, सीईओ, गूगल आईएनसी; श्री टी वी मोहनदास पाई, अध्यक्ष, मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन सर्विसेज; श्री बी वी आर मोहन रेड्डी, अध्यक्ष, नैसकॉम और साईंट के पूर्व अध्यक्ष; श्री अमिताभ कांत, सचिव, डीआईपीपी, वाणिज्य मंत्रालय; श्री शरद शर्मा, सह संस्थापक, स्पीरिट; श्री कृष्णा कुमार, संस्थापक और सीईओ, सिम्पलीलर्न; श्री विजय शंकर शर्मा,संस्थापक, पेटीएम; श्री राहुल नारायण, टेक लीड, टीम इंडस्ट्रीज; श्री शशांक एनडी, संस्थापक और सीईओ, प्रैक्टो और श्री राकेश भारतीय मित्तल, उपाध्यक्ष, भारती इंटरप्राइजेज शामिल थे।
यह विज्ञप्ति1230 बजे जारी की गई।