भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (19 मार्च 2015) राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में श्रीमती मीरा कुमार द्वारा रचित पुस्तक ‘भारतीय संसदीय कूटनीति-लोकसभाध्यक्ष का दृष्टिकोण’ की प्रथम प्रति प्राप्त की। राष्टपति ने यह पुस्तक श्रीमती सुमित्रा महाजन लोकसभाध्यक्ष से प्राप्त की, जिन्होंने इसका औपचारिक लोकार्पण किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने ‘भारतीय संसदीय कूटनीति-लोकसभाध्यक्ष का दृष्टिकोण’ नामक पुस्तक के प्रकाशन के लिए श्रीमती मीरा कुमार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में उनकी टिप्पणियों से हम सभी कई सीख ले सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि उनके विचार से लोकसभाध्यक्ष का पद अत्यंत महत्वपूर्ण है। संसद जनता की इच्छा को प्रतिबिम्बित करती है। संसदीय प्रणाली का बुनियादी सिद्धांत संसद में जनता का प्रतिनिधित्व है। लोकसभाध्यक्ष संसद में जनता के उन प्रतिनिधियों के अधिकारों, विशेषाधिकारों तथा उनके कार्य निष्पादन का अभिरक्षक होते हैं, जो देश की बहुत बड़ी जनसंख्या की भावना और उनकी आकांक्षा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि संसदीय कूटनीति महत्वपूर्ण हो गई है और आजकल लोकसभाध्यक्ष द्वारा किया जा रहा एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और द्विपक्षीय यात्राओं में भाग लेते हुए कूटनीतिक कार्य करना है।
यह पुस्तक विदेश नीति को बढ़ावा देने तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में संसदीय कूटनीति की भूमिका का लेखा जोखा है। यह पुस्तक विभिन्न प्रतिवेदनों तथा श्रीमती मीरा कुमार द्वारा लोकसभाध्यक्ष तथा भारतीय संसदीय शिष्टमंडल के प्रमुख के तौर पर अपनी विदेश यात्राओं के दौरान दिए गए व्याख्यानों का संग्रह है।
यह विज्ञप्ति2015 बजे जारी की गई।