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राष्ट्रपति भवन में आवासी कार्यक्रम के अंत में कलाकारों, लेखकों और नवान्वेषकों से राष्ट्रपति ने कहा कि याद रखिए, ‘एक बुजुर्ग ने कभी आपकी सफलता की शुभकामना की थी’

राष्ट्रपति भवन : 19.03.2015

दस नवान्वेषण विद्वानों, दो लेखकों और दो कलाकारों ने, जो दो दिवसीय आवासी कार्यक्रम का भाग थे, राष्ट्रपति भवन में अपने प्रवास की पूर्णता की पूर्व संध्या पर आज (19 मार्च 2015) भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।

इस अवसर पर, आवासी कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों ने भावुक होकर अपने अनुभव बताए। उन्होंने राष्ट्रपति से कहा कि इस कार्यक्रम ने उनके जीवन की कायापलट कर दी है। उनमें से हर एक राष्ट्रपति भवन के अपने अनुभवों की स्मृतियां सदैव सहेज कर रखेगा। उन सभी ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति भवन में रहने का अवसर प्राप्त करके प्रोत्साहन और प्रेरणा हासिल की है।

उन्हें अपने विचारों को पल्लवित करने तथा अनेक क्षेत्रों के विशेषज्ञों से मिलने का एक बड़ा मंच मिला। उन्होंने इस कार्यक्रम की शुरुआत करने तथा उन्हें इसका हिस्सा बनने का अवसर प्रदान करने के लिए राष्ट्रपति का अत्यंत आभार व्यक्त किया।

नवान्वेषण विद्वानों, लेखकों और कलाकारों के उद्गारों के प्रत्युत्तर में, राष्ट्रपति ने उन्हें रचनात्मक मानसऔर कर्ताबताया। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने यह कार्यक्रम इसलिए आरंभ करवाया क्योंकि वह महसूस करते थे कि उन्हें रचनात्मक प्रतिभाओं को सहयोग देने के लिए कुछ करना चाहिए। उनका लक्ष्य राष्ट्रपति भवन को रहस्यात्मकता से बाहर निकालना जो दिल्ली में सार्वजनिक जीवन के अनेक दशक के बावजूद राष्ट्रपति बनने से पहले उनके लिए एक रहस्य था।

राष्ट्रपति ने कहा कि आवासी कार्यक्रम रहस्यात्मकता को समाप्त करने के कार्य एक भाग तथा रचनात्मक प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने का एक प्रयास है। एक चित्र अथवा अच्छी पुस्तक अपने दर्शकों और पाठकों पर स्थायी प्रभाव अंकित कर देती है। यह उन्हें एक अलग दुनिया में ले जाती है और उसका प्रभाव लंबे वर्षों तक बना रहता है। कुछ ही लोग दूसरों पर ऐसा प्रभाव पैदा कर सकते हैं। रचनात्मक मन वाले व्यक्ति ही समाज के असली अग्रणी तथा हितकारी होते हैं। आवासी कार्यक्रम, राष्ट्रपति भवन के शांत परिवेश में इकट्ठे रहने, चिंतन करने और विचार करने के अवसर के माध्यम से सृजन की उनकी क्षमता को प्रेरित करने का प्रयास है।

राष्ट्रपति ने प्रसन्नता व्यक्त की कि सभी भागीदारों ने अनुभव को लाभकारी पाया। और उन्होंने अपने प्रवास का आनंद लिया। वह यह जानकर अभिभूत हो गए कि कुछ प्रतिभागी 14-15 तक की अल्पायु वर्ष के थे तथा पहली बार घर से दूर रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन को ऐसे प्रतिभावान और रचनात्मक लोगों को प्रोत्साहित करने का सौभाग्य है जो सभ्यता और संस्कृति की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। सच्ची स्वतंत्रता केवल रचनात्मक लोगों द्वारा आती है और इसलिए उनका प्रोत्साहन और उनका सहयोग किया जाना चाहिए।

राष्ट्रपति ने अंत में नवान्वेषण विद्वानों,लेखकों तथा कलाकारों विशेषकर युवाओं से अनुरोध किया कि वे भविष्य में जब अपनी रचनात्मकता के शिखर पर हों तो याद रखें कि एक बुजुर्ग ने कभी आपकी सफलता के लिए शुभकामनाएं व्यक्त की थीं।

दो सप्ताह चले आवासी कार्यक्रम के हिस्सा रहे नवान्वेषक, लेखक और कलाकार निम्नवत् हैं।

श्री विक्रम संपत - कर्नाटक के लेखक

डॉ. गायत्रीबाला पांडा - ओडिशा की लेखिका

श्री राजेश कार्गुटकर - महाराष्ट्र के कलाकार

श्री हओबम सनातोन सिंह - मणिपुर के चित्रकार

सुश्री प्रियंका मथिक्षरा (15 वर्ष) - तमिलनाडु की नवान्वेषक जिन्होंने एक अल्ट्रा मॉडल कूड़ादान सुपर स्टॉकर 3सी का आविष्कार किया।

मास्टर दीप्तांशु मालवीय - राजस्थान के नवान्वेषक जिन्होंने रैपर पिकर का आविष्कार किया।

श्री मनसुख जगानी - गुजरात के नवान्वेषक जिन्होंने बहुउद्देश्यीय कृषि मशीन बुलेट शैंटी का आविष्कार किया।

श्री राय सिंह दहिया - राजस्थान के नवान्वेषक जिन्होंने बायोमास गैसीफायर प्रणाली का आविष्कार किया।

श्री कमरुद्दीन सैफी - उत्तर प्रदेश के नवान्वेषक जिन्होंने क्लच और ब्रेक प्रणाली युक्त भूसा कटर का आविष्कार किया।

श्री टी.ए. आनंद - तमिलनाडु के नवान्वेषक जिन्होंने असमतल भूभाग के लिए कृत्रिम घुटने का आविष्कार किया।

श्री शांतनु पाठक - महाराष्ट्र के नवान्वेषक जिन्होंने एक मोबाइल गर्भावस्था देखभाल किट केयर मदर का आविष्कार किया।

विकास कराडे - महाराष्ट्र के नवान्वेषक जिन्होंने 2डी एक्स रे चित्रों से 3 डी मॉडल का आविष्कार किया।

श्री मोहन लाल - केरल के नवान्वेषक जिन्होंने समुद्री डीजल इंजिन के लिए रिवर्सिवल रिडक्शन गियर तथा जेड ड्राइव प्रोपेलर का आविष्कार किया।

मास्टर सार्थक शुक्ल (14 वर्ष) - उत्तर प्रदेश के नवान्वेषक जिन्होंने रोटेटरी ट्रे युक्त बेलनाकार रेफ्रीजरेटर का आविष्कार किया।

वरिष्ठ और युवा तथा उदीयमान प्रतिभाओं को राष्ट्रपति भवन के रमणीय और शांत परिवेश में प्रकृति के निकट रहने की सुविधा प्रदान करके प्रोत्साहित करने की दृष्टि से भारत के राष्ट्रपति द्वारा 11 दिसम्बर 2013 को लेखकों और कलाकारों तथा नवान्वेषकों के लिए आवासी कार्यक्रम आरंभ किया गया था।

यह विज्ञप्ति1810 बजे जारी की गई।