असम के कोकराझार तथा चिरांग जिलों (बोडो क्षेत्र) तथा मणिपुर के शांग्शक (उखरुल क्षेत्र) के 42 विद्यार्थियों के समूह ने आज (19 अक्तूबर, 2013) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता, वनस्पति, जीव-जंतुओं, समृद्ध संस्कृति, नृत्य, संगीत आदि से भरपूर है। दुर्भाग्यवश कुछ समय के लिए इस क्षेत्र को संघर्ष, टकराव तथा हिंसा का सामना करना पड़ा। उन्होंने राष्ट्रीय एकीकरण यात्रा के प्रबंधकों को इन क्षेत्रों के बच्चों को भारत के वैभव का अवलोकन करने के लिए दिल्ली लाने पर बधाई दी।
राष्ट्रपति ने कहा कि दिल्ली का इतिहास भारत की जनता की विशेषताओं का प्रतिबिंब है जिसमें पूर्वोत्तर की जनता भी शामिल है। यह ऐसी जनता का इतिहास है जो समय-समय पर कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद कभी भी झुकी नहीं और कठिनाइयों पर विजित रही। भारत सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक की धरती है और वह अब आधुनिक विश्व के सबसे उन्नत राष्ट्रों में शामिल होने का प्रयास कर रहा है। पूर्वोत्तर के लोग तथा बच्चे इस प्राचीन तथा उभरते हुए भारत का अभिन्न अंग हैं।
मणिपुर के विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय एकीकरण यात्रा का आायोजन 16 असम राइफल द्वारा तथा असम के विद्यार्थियों के लिए 2 राजपूत (काली चिंदी) द्वारा किया गया था।
यह विज्ञप्ति 1400 बजे जारी की गई।