भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (19 नवम्बर, 2015) राष्ट्रपति भवन में ‘इनोवेट फॉर डिजीटल इंडिया चैलेंज’ की सर्वोच्च 10 विजेता टीमों से भेंट की। इन टीमों को एक कड़ी प्रक्रिया के जरिए चुना गया था और उन्होंने राष्ट्रपति के सम्मुख अपने नवान्वेषी उत्पादों और प्रणालियों की संक्षिप्त प्रस्तुति की।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि इलेक्ट्रानिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने प्रतियोगिता के आयोजन के लिए इंटेल इंडिया के साथ सहयोग किया है जिसका लक्ष्य स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और ई-शासन जैसे अनेक क्षेत्रों की समस्याओं के कारगर सूचना प्रौद्योगिकी समाधान के लिए कंपनियों की पहचान, उन्हें सहयोग और परामर्श देना है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि आज प्रस्तुत नवान्वेषी समाधान देशवासियों के हित के लिए विकसित किए जाएंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत को शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, वित्तीय समावेशन और सेवा उपलब्धता के क्षेत्रों में कतिपय चुनौतियों पर काबू पाने के लिए नवान्वेषण की आवश्यकता है। उनहोंने कहा कि हम पैमाने तथा जन संबंधित समस्याओं के समाधान की व्यापक व्यावहारिकता की चुनौती का सामना कर रहे हैं। इनका समाधान नवान्वेषण द्वारा सहयोग प्राप्त डिजीटल क्रांति के प्रयोग में निहित है। डिजीटल क्रांति से शासन विकेंद्रीकृत होगा। आज देश या विश्व में कहीं भी हो रहे नवान्वेषण का अनुकरण किया जा सकता है और व्यापक स्तर पर उपयुक्त तौर पर अपनाया जा सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी सरकार का डिजीटल इंडिया अभियान का लक्ष्य नागरिकों को सेवा के रूप में डिजीटल ढांचा प्रदान करना, मांग पर शासन और सेवाएं उपलब्ध करना तथा नागरिकों को डिजीटल तौर पर सशक्त बनाने पर कार्य करना है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि ‘इनोवेट फॉर डिजीटल इंडिया चैलेंज’ नवान्वेषकों और अन्य भागीदारों को सहयोग प्रदान करेगा तथा जनसाधारण की समस्याओं के लिए वहनीय, कारगर और नवान्वेषी समाधान पेश करता रहेगा।
इस अवसर पर, श्री ग्रेग पियरसन, उपाध्यक्ष, इंटेल कॉर्पोरेशन द्वारा राष्ट्रपति को ‘टेक्नोलॉजी इनोवेशन फॉर इन्क्लुजन’ पुस्तक भेंट की गई।
यह विज्ञप्ति 1725 बजे जारी की गई।