भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (19 दिसम्बर, 2013) विज्ञान भवन, नई दिल्ली में एक समारोह में वार्षिक आसूचना ब्यूरो एन्डोमेंट व्याख्यान दिया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी सुरक्षा को विभिन्न स्रोतों से चुनौतियां मिल सकती हैं। हमें ऐसे आतंकवाद से लड़ाई लड़नी है जिसे हमारे देश के बाहर से सहायता मिलती है। हमारे देश के लिए हानिकारक, राज्य तथा गैर राज्य तत्वों द्वारा लगातार भारत को अस्थिर करने के प्रयास जारी हैं। वामपंथी उग्रवाद सामाजिक शांति एवं सौहार्द के लिए एक अन्य गंभीर खतरा है। तकनीकी में तीव्र प्रगति के परिणामस्वरूप भी नए खतरे पैदा हुए हैं। सामाजिक मीडिया का दुरुपयोग अब एक ऐसा औजार है जो दुनिया भर में आतंकवादियों तथा राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा बहुत उन्नत तरीके से प्रयोग किया जा रहा है। इनका सामना बेहतर कार्ययोजना तथा तकनीकी का प्रयोग करके करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘जैसे जैसे नई चुनौतियां सामने आती हैं हमें भी अपनी दक्षता तथा तकनीकी क्षमताओं को उन्नत करना होगा। सुरक्षा कर्मियों द्वारा इन खतरों का कारगर ढंग से जवाब देने के लिए समय पर तथा विश्वसनीय आसूचना अत्यंत मूल्यवान है।’’
राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को अपने भाग्य का निर्माण करना है तथा उन्होंने आसूचना ब्यूरो को इस व्याख्यान को प्रतिवर्ष आयोजित करने तथा महत्वपूर्ण मुद्दों पर जनसंवाद में योगदान के लिए बधाई दी।
यह विज्ञप्ति 1315 बजे जारी की गई।