भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे उच्च शिक्षा के लिए उपलब्ध कराए जा रहे अवसरों का उपयोग करने के लिए उपयुक्त अर्हता प्राप्त करें। वह आज (20 फरवरी 2014) पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के सागरदीघी में सागरदीघी महाविद्यालय के सागरदीघी कामदा किंकर स्मृति महाविद्यालय के रूप में पुन: नामकरण समारोह में बोल रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि मुर्शिदाबाद में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में अध्ययन के अवसर तब तक प्राप्त नहीं हो सकते जब तक कि विद्यार्थी अपेक्षित अर्हता प्राप्त करके प्रवेश परीक्षा में सफल नहीं होते। 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान उच्च शिक्षा सेक्टर में हुई प्रगति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अब विश्वविद्यालयों की संख्या 735 से अधिक तथा महाविद्यालयों की संख्या 37000 से अधिक हो चुकी है। अब 18 से 24 वर्ष की आयुसमूह के 7 प्रतिशत युवा उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं जबकि पहले यह केवल 0.6 प्रतिशत था।
राष्ट्रपति ने कहा कि ज्ञान आधारित समाज में आर्थिक विकास, ज्ञान पर आधारित होगा। शिक्षण एवं ज्ञार्नाजन को अनुसंधान एवं नवान्वेषण से जोड़ा जाना चाहिए; वरना हम अपने ज्ञान का उपयोग समाज के कल्याण के लिए नहीं कर पाएंगे।
श्री अभिजीत मुखर्जी, संसद सदस्य ने महाविद्यालय के पुन: नामकरण संबंधी पट्टिका का अनावरण किया।
यह विज्ञप्ति 1740 बजे जारी की गई।