राष्ट्रपति भवन में सप्ताह भर चलने वाला नवान्वेषण उत्सव कल (19 मार्च, 2016) हैकेथोन शैली (अनवरत तीव्र विकास) से वेब और मोबाइल अनुप्रयोग विकसित करने के लिए 12 घंटे लम्बी कोडिंग स्पर्द्धा के साथ सम्पन्न हो गया। जिन विषयों पर अनुप्रयोग विकसित किए गए, वे थे (1) प्रत्येक कक्षा के बाद उपस्थिति दर्ज करते अध्यापक (2) विद्यार्थियों का परीक्षा प्रमाणीकरण (3) सार्वजनिक स्मारकों में प्रवेश पर निगरानी (4) सार्वजनिक शौचालयों की निगरानी।
राष्ट्रपति ने कोड फॉर इंडिया के श्री मोहनदास पै और श्री कार्ल मेहता तथा अन्य गणमान्यों की उपस्थिति में प्रत्येक वर्ग में पूर्णता के लिए विजेताओं को बधाई दी।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत जैसा देश प्रौद्योगिक उन्नति के एक निश्चित स्तर पर पहुंच सकता है। यह अपने नागरिकों, विशेषकर युवाओं की वैज्ञानिक मानसिकता और प्रवृत्ति के विकास को बढ़ावा दे सकता है। तथापि युवाओं को हमारे देश की विषम सामाजिक-आर्थिक समस्याओं के रचनात्मक समाधान खोजने की आवश्यकता के बारे में जागरूक न करने पर समावेशी विकास का लक्ष्य अधूरा रह जाएगा। जब तक युवाओं का रचनात्मक मन समर्पण, निष्ठा, समानुभूति और संवेदनशीलता से प्रेरित नहीं होगा जब तक हमारे संविधान में परिकल्पित न्यायपूर्ण सामाजिक व्यवस्था पूरी नहीं हो पाएगी यदि हम सामाजिक आवश्यकताओं के समाधानों का लाभ उठाएंगे तो इससे समाज के लिए फायदेमंद सामाजिक नवान्वेषण हो सकेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि हैकेथोन से युवा प्रतिभाएं सामाजिक परिवर्तन में योगदान करने के लिए प्रेरित होंगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि सप्ताह भर चलने वाला नवान्वेषण उत्सव जो पिछले शनिवार को आरंभ हुआ था, में विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में समावेशी नवान्वेषणों से सम्बन्धित अनेक गोलमेज परिचर्चाएं हुई। एक गोलमेज परिचर्चा का विषय व्यापक परिवर्तन के लिए सामाजिक नवान्वेषण था। हैकेथोन का लक्ष्य एक ऐसी डिजीटल व्यवस्था बनाना है जो सामाजिक नवान्वेषणों के माध्यम से व्यापक परिवर्तन के मिशन को आगे बढ़ाएगी। नवान्वेषण उत्सव की कार्यसूची और विषयों का प्रयास समावेशी नवान्वेषणों और प्रौद्योगिकियों पर आधारित एक समावेशी समाज के लिए आवश्यक अनेक भागीदारों के बीच परस्पर संयोजन करना है।
यह विज्ञप्ति 1300 बजे जारी की गई