होम >> प्रेस विज्ञप्ति >> प्रेस विज्ञप्ति विस्तार

राष्ट्रपति जी ने ‘भारत में विश्वविद्यालयों का भविष्य : ज्ञानपूर्ण समाज के लिए उच्च शिक्षा सुधारों पर तुलनात्मक परिदृश्य’ विषय पर सम्मेलन का उद्घाटन किया

राष्ट्रपति भवन : 21.03.2013

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (21 मार्च 2013) ओ.पी. जिंदल वैश्विक विश्वविद्यालय, सोनीपत में ‘भारत में विश्वविद्यालयों का भविष्य : ज्ञानपूर्ण समाज के लिए उच्च शिक्षा सुधारों पर तुलनात्मक परिदृश्य’ विषय पर सम्मेलन का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने ओ.पी. जिंदल विश्वविद्यालय को, सभी संबंधितों में उच्च शिक्षा सेक्टर की चुनौतियों की बेहतर समझ विकसित करने के लिए, पहल करने तथा मंच प्रदान करने के लिए बधाई दी।

राष्ट्रपति ने कहा कि, कई कारणों से आज हमारी शिक्षा प्रणाली में महत्त्वपूर्ण सुधार करने की जरूरत पहले से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि हमारे विश्वविद्यालयों में शिक्षा, संकाय तथा अनुसंधान की गुणवत्ता के स्तर को ऊंचा करने की आज अत्यधिक जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के विकास में शिक्षा द्वारा निभाई जाने वाली महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में कोई दो राय नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक ऐसा सबसे ताकतवर हथियार है जो सामाजिक परिवर्तन का बीजारोपण कर सकता है तथा किसी भी देश की आर्थिक किस्मत का कायापलट कर सकता है।

राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालयों तथा अनुसंधान केंद्रों का आह्वान किया कि वे नवान्वेषण के उर्वर भूमि बनें। उन्होंने कहा कि हमें अपने अकादमिक तथा अनुसंधान केंद्रों में बौद्धिक संसाधनों को प्रोत्साहित करने और बनाए रखने के लिए ढांचों का निर्माण करना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्र के नाम संदेश में मैंने कहा था कि पूरे देश के लिए अब समय आ गया है कि हम अपनी नैतिक दिशा का पुन: निर्धारण करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों तथा उच्च शिक्षा के अन्य संस्थानों को इस प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि शुरुआत मूल्य-आधारित शिक्षा से की जा सकती है, जो कि अकादमिक पाठ्यक्रम का अनुपूरक हो और इस तरह विद्यार्थी को अपनी जीविकोपार्जन तथा जीवन की परीक्षाओं का धैर्य के साथ सामना करने के लिए तैयार करे।

इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल, श्री जगन्नाथ पहाड़िया, हरियाणा के मुख्यमंत्री, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, श्री पल्लम राजू, डॉ. शशि थरूर तथा जिंदल वैश्विक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, श्री नवीन जिंदल भी उपस्थित थे।