भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (21 अक्तूबर, 2016) नई दिल्ली में ‘नेशनल इनिशिएटिव टूवार्ड्स स्ट्रेंथिनिंग आरबिट्रेशन एंड एन्फोर्समेंट इन इंडिया’ पर विश्व सम्मेलन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय विवाचन को सहयोग देने के लिए मूलभूत विधिक और भौतिकीय ढांचा मौजूद है परंतु हमें अपने विवाचन ढांचे को मजबूत बनाने के लिए प्रमुख संस्थागत सुधार करने की आवश्यकता है। भारत में विवाचन को मजबूत करने के लिए तीन संस्थाओं, विवाचन संस्थाएं, न्यायपालिका और सरकार विशेष रूप से आवश्यक हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा है कि उच्च न्याय क्षेत्र से भिन्न भारत में संस्थागत विवाचन अभी भी पूरी तरह मौजूद नहीं है। तदर्थ विवाचन सामान्य रूप में हैं। यद्यपि घरेलू विवाचन संस्थाएं उभरकर सामने आई हैं परंतु भारत में संस्थागत विवाचन के विकास की अभी अप्रयुक्त संभावनाएं हैं। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विवाचन संस्थाओं को इस बाजार को आकार देने में एक सक्रिय भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन प्रमुख संस्थागत सुधारों के पहलुओं तथा सभी भागीदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए जमीनी स्तर पर इन्हें अमल में लाने की सक्षम कार्यनीतियों पर परिचर्चा करने का एक श्रेष्ठ मंच उपलब्ध करवाएगा।
यह विज्ञप्ति 1900 बजे जारी की गई।