भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (23 अप्रैल, 2016) खोंगजोम, मणिपुर में खोंगजोम दिवस समारोह में भाग लिया तथा एक युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया। उन्होंने युद्ध स्मारक पर पुष्पामाला भी अर्पित की।
इस अवसर पर अपने संबोधन में, राष्ट्रपति ने कहा कि खोंगजोम एक महान स्थल है जहां पर 1891में ब्रिटिश समाजवादियों के विरुद्ध भारतीय धरती का अंतिम युद्ध लड़ा गया था। मणिपुर युद्ध के पश्चात ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन आने वाला भारतीय उपमहाद्वीप का यह अंतिम राष्ट्र बना। 1757में प्लासी के युद्ध से आरंभ हुए शाही राज्यों के कब्जा करने का कार्य खोंगजोम के युद्ध से समाप्त हुआ।
राष्ट्रपति ने कहा कि वह हमारे भविष्य के लिए अपना वर्तमान उत्सर्ग करने वाले वीर सुपुत्रों और सुपुत्रियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने में खोंगजोम दिवस पर मणिपुर जनता के साथ शामिल हो रहे हैं। नीले पर्वत और नैसर्गिक प्रकृति उन मणिपुरी सैनिकों के शौर्य के साक्षी हैं जिन्होंने एक शताब्दी पूर्व विदेशी शासन से अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी।
राष्ट्रपति ने उन मणिपुरी सैनिकों की बहादुरी की सराहना की जिन्होंने भावी पीढ़ियों की स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया। उन्होंने खोंगजोम शहीदों को नमन किया और कहा कि वे युवा पीढ़ी को प्रेरित करते रहेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के प्रथम प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मणिपुर को भारत की मणि कहा था। यह सच्चाई इस प्राकृतिक सौंदर्य से स्पष्ट है जिसे सम्पूर्ण मणिपुर तथा इसकी समृद्ध संस्कृति और बहुलवादी स्वरूप में देखा जा सकता है।
राष्ट्रपति ने राज्य को इसके विकास प्रयासों में सफलता की शुभकामनाएं दीं।
यह विज्ञप्ति 2050 बजे जारी की गई