संयुक्त राज्य अमरीका के उपराष्ट्रपति, श्री जोसेफ आर. बाइडेन जूनियर ने आज (23 जुलाई 2013) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की।
श्री बाइडेन का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि द्विपक्षीय असैनिक परमाणु सहयोग करार सहित भारत संबंधी विभिन्न मुद्दों पर सीनेट में उनकी मजबूत पैरवी की भारत सराहना करता है। भारत-अमरीका संबंध साझा बुनियादी मूल्यों तथा हितों के बढ़ते अभिमुखीकरण पर आधारित हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले एक दशक के दौरान दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध वैश्विक साझीदारी के रूप में विकसित हुए हैं जिसे राष्ट्रपति ओबामा ने समुचित रूप से ‘21वीं सदी की प्रमुख साझीदारियों में से एक’ बताया है। भारत और संयुक्त राज्य अमरीका के बीच सहयोग के हर संभावित पहलू पर तीस से अधिक संवाद तंत्र हैं। दोनों देशों की जनता के बीच मजबूत संबंध हमारे दोनों देशों के रिश्तों की बुनियाद हैं। भारत और अमरीका दोनों खुले और बहुलवादी समाज हैं। दोनों देशों के लोगों में शिक्षा तथा परिश्रम की मजबूत साझा संस्कृति है, जिसके कारण दोनों देश करीब आए हैं। कुशल पेशेवरों का समुदाय मजबूत भारत-अमरीकी संबंधों का पैरोकार रहा है तथा इसने व्यापार तथा लोगों के बीच आपसी संबंधों को बढ़ावा देने में अत्यधिक सहयोग दिया है।
राष्ट्रपति जी के उद्गारों के प्रत्युत्तर में संयुक्त राज्य अमरीका के उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत-अमरीका संबंध न केवल इन दोनों देशों के लिए बल्कि समुचे क्षेत्र के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। अब मुद्दा यह नहीं है कि अमरीका भारत के लिए क्या कर सकता है बल्कि यह है कि विश्व में, दोनों देश मिलकर क्या कर सकते हैं। उभरते विश्व परिदृश्य में ऐसे कोई भी अन्य दो देश नहीं हैं जिनमें इतनी अधिक भागीदारी अथवा समानता हो।
यह विज्ञप्ति 1950 बजे जारी की गई।