भारत के राष्ट्रपति,श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (23 अगस्त, 2016) कोलकाता, पश्चिम बंगाल में बंधन बैंक के प्रथम स्थापना दिवस में भाग लिया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें बंधन बैंक की स्थापना की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर उपस्थित होने में प्रसन्नता हुई है। उन्हें गत वर्ष बंधन बैंक के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया था परंतु कुछ अत्यावश्यक कारणों की वजह से वह नहीं आ सके।
राष्ट्रपति ने कहा कि अक्तूबर, 2010 में उनके गांव किरणाहार में ग्रामीण उधारकर्ताओं के एक कार्यक्रम में उन्हें बंधन और इसके संस्थापक श्री चंद्रशेखर घोष के बारे में जानने का मौका पहली बार मिला था। वह स्वयं सहायता समूहों के गठन तथा निर्धन लोगों को सूक्ष्म वित्त प्रदान करने के लिए इसके प्रभावी कामकाज के संबंध में श्री घोष की गाथा जानने के लिए उत्सुक थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने बैंकिंग और राजस्व मंत्री, वित्त मंत्री तथा योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में वर्षों के दौरान बैंकिंग क्षेत्र के विकास को निकट से देखा है। उन्होंने कहा कि 2010 में यह निर्णय किया गया कि भारतीय रिजर्व बैंक शीघ्र वित्तीय समावेशन के लिए बैंकिंग क्षेत्र को खोले। उन्हें प्रसन्नता हुई कि तीन वर्षों के बाद जब रिजर्व बैंक ने बैंक लाइसेंस प्राप्त करने के आवेदन मांगे तो बंधन बैंक आवेदन करने वालों में से एक था और इसने सफलतापूर्वक इसे प्राप्त कर लिया। बंधन बैंक का प्रथम वर्ष का प्रदर्शन उत्साहजनक है। सुविधाएं प्रदान करना तथा उन तक पहुंच ना होने वाले लोगों से संपर्क करना आवश्यक है।
यह विज्ञप्ति 2055 बजे जारी की गई।