भारत के राष्ट्रपति,श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (23 अगस्त, 2016) कोलकाता, पश्चिम बंगाल में आकाशवाणी के मैत्री चैनल का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि आकाशवाणी मैत्री चैनल मिश्रित बंगाली सांस्कृतिक विरासत के प्रोत्साहन और संरक्षण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है जो सभी बंगाली भाषी लोगों के भौगोलिक स्थानों के अलग होते हुए भी गौरवपूर्ण धरोहर है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि कला संस्कृति, साहित्य, संगीत, खेल तथा साझे सामाजिक आर्थिक मुद्दों के क्षेत्र में भारत और बांग्लादेश दोनों की विषय-वस्तुओं के सम्मिश्रण से यह चैनल विशिष्ट बन जाएगा तथा भारत और बांग्लादेश और विदेश के रेडियो पसंद करने वाले लाखों लोगों के दिल में बसा जाएगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और बांग्लादेश ना केवल पड़ोसी हैं बल्कि जातीय और संबंध के एक जैसे सूत्र से बंधे हुए हैं। भारत सदैव हमारे साझे इतिहास, विरासत, संस्कृति, भाषा, भौगोलिक निकटता के कारण बांग्लादेश के साथ द्विपक्षीय संबंधों तथा समूचे उपमहाद्वीप और उससे आगे विकास और समृद्धि के लिए दोनों राष्ट्रों द्वारा निभाई जा सकने वाली भूमिका को सर्वोच्च महत्व देता है। जिस नींव पर यह विशिष्ट संबंध टिका हुआ है वह लोकतांत्रिक मूल्यों,उदारवाद सिद्धांतों,समतावाद, पंथनिरपेक्षता तथा एक दूसरे की संप्रभुता और अखंडता के प्रति सम्मान में अटल विश्वास है। उन्होंने कहा कि आकाशवाणी मैत्री आरंभ करने से भारत बांग्लादेश संबंधों के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। उन्होंने कहा कि आकाशवाणी मैत्री और इसकी मल्टीमीडिया वेबसाइट ऑल इंडिया रेडियो का एक विशेष उद्यम और पहल है जो न केवल पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश तथा उससे जुड़े क्षेत्रों के बंगाली श्रोताओं के लिए है बल्कि विश्व के विभिन्न हिस्सों में रह रहे समस्त बंगाली भाषी समुदाय के लिए भी है।
यह विज्ञप्ति1540 बजे जारी की गई।