भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (23 अक्तूबर, 2016) गुजरात में बापू गुजरात ज्ञान ग्राम और समर्पण महाविद्यालय के विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा उन्नत समाज का आधार है। भारत एक बड़ी युवा आबादी वाला राष्ट्र है। अब से कुछ वर्षों में भारत में विशाल कामकाजी युवा शक्ति का लाभ पैदा होने की संभावना परंतु यदि हम रोजगार बाजार की आवश्यकताओं के अनुसार अपने युवाओं को आवश्यक कौशल और प्रशिक्षण नहीं प्रदान कर सकें तो यह अवसर एक बोझ में बदल सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह आवश्यक है कि विद्यार्थी यह अनुभव करें कि उनका समाज के प्रति एक दायित्व है। शिक्षा का उद्देश्य ऐसे नागरिकों का निर्माण करना है जो समाज की बेहतरी में योगदान कर सकें। सामाजिक आर्थिक परिवर्तन का दायित्व हमारे युवाओं के कंधों पर है इसलिए हमारे युवाओं में समानता, समता और उपयुक्तता की भावना होना जरूरी है।
यह विज्ञप्ति 1950 बजे जारी की गई।