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राष्ट्रपति जी ने कहा कि हमें मूल्यों के ह्रास पर रोक लगाने के लिए जवाब तलाशने होंगे

राष्ट्रपति भवन : 24.05.2013

भारत के राष्ट्रपति,श्री प्रणब मुखर्जी ने आज( 24 मई 2013 )शिमला में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह में भाग लिया|

इस अवसर पर बोलते हुये राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा राष्ट्रीय प्रगति,मानव सशक्तीकरण और समाजिक बदलाव के लिए एक आवश्यक उपादान है| महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध की बढ़ती घटनाओं के कारण यह जरूरी हो गया है कि उनकी सुरक्षा और हिफाज़त सुनिश्चित करने के लिए कारगर उपाय किए जाएँ| इसके लिए,हमारे समाज में नैतिकता के ह्रास पर रोक लगाने के लिए जवाब तलाशने होंगे| हमारे विश्वविद्यालयों में युवाओं को दिशा प्रदान करने की क्षमता है| उच्च शिक्षा के इन मंदिरों को समसामयिक नैतिक चुनौतियों का सामना करने के लिए मार्गदर्शक का कार्य करना होगा तथा यह सुनिश्चित करना होगा कि मातृभूमि प्रेम; कर्तव्यों का निर्वाह; सभी के लिए करुणा; बहुलवाद के प्रति सहिष्णुता; महिलाओं और बुजुर्गों के प्रति सम्मान; जीवन में सच्चाई और ईमानदारी; आचरण में अनुशासन और आत्मसंयम तथा कार्य में जिम्मेदारी की भावना का युवा मस्तिष्कों में पूरी तरह समावेश हो|

राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी देश का विकास मुख्यतः उसकी शैक्षणिक स्थिति पर निर्भर होता है| उच्च विकास दर प्राप्त करने की हमारी कार्यनीति,गरीबी खत्म करना तथा सभी की प्रगति सुनिश्चितकरना है| हमें आर्थिक विकास को अपने सभी लोगों,खासकर सामाजिक-आर्थिक पिरामिड के आखिरी पायदान पर मौजूद लोगों के लिए प्रासंगिक बनाना है| लोकतान्त्रिक राज व्यवस्था के,समान न्याय के उच्च लक्ष्य को,केवल मजबूत शिक्षा प्रणाली से ही प्राप्त किया जा सकता है| भारत के जनसांख्यिकीय ढांचे में बदलाव आ रहा है और 2025 तक दो तिहाई से ज्यादा भारतीयों के कामकाजी उम्र में होने की संभावना है| इस बदलाव से लाभ उठाने के लिए हमारे युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से तैयार रहना होगा|

राष्ट्रपति ने कहा कि 2010-20 के दशक को नवान्वेषणों का दशक घोषित किया गया है| इसकी आम आदमी के लिए कोई सार्थकता होनी चाहिए| ऐसे बहुत से जमीनी नवान्वेषण हैं जिनको व्यवहार्य उत्पादों के रूप में विकसित करने के लिए वाणिज्यिक और प्रौद्योगिकीय मार्गदर्शन की जरूरत है| इस वर्ष केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया था कि शिक्षक तथा विद्यार्थी समुदाय और जमीनी नवान्वेषकों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालयों में नवान्वेषकों के क्लब स्थापित किए जाएँ| उन्होंने सभी उपस्थित लोगों को नवान्वेषण समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया|

यह विज्ञप्ति 1725 बजे जारी की गई