भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज पुलिस और सुरक्षा बलों के प्रमुखों का आह्वान किया कि पुलिस प्रणाली में बदलाव करके इसे आधुनिक लोकतांत्रिक राष्ट्र की जरूरतों के अनुरुप बनाएं। वे कल (23 नवम्बर 2013) राष्ट्रपति भवन में विभिन्न राज्यों तथा केन्द्र शासित क्षेत्रों के पुलिस महानिदेशकों/पुलिस महानिरीक्षकों तथा केन्द्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों के वार्षिक सम्मेलन के सहभागियों को संबोधित कर रहे थे, जब वे राष्ट्रपति जी से भेंट करने के लिए वहां पहुंचे।
राष्ट्रपति ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आम आदमी की शिकायतों का समाधान हो। उन्हें अन्य भागीदारों के साथ मिलकर राष्ट्र की प्रगति और समृद्धि के लिए अनुकूल शांतिपूर्ण तथा सुरक्षित वातावरण तैयार करना चाहिए।
इस बात पर निराशा व्यक्त करते हुए कि पुलिस कभी-कभी समाज के सभी वर्गों का समुचित भरोसा जीतने में असफल रहती है, राष्ट्रपति ने कहा कि एक आधुनिक राष्ट्र के लिए कानून का शासन एक मूलभूत सिद्धांत है और इसे त्वरित, निष्पक्ष तथा न्यायसंगत ढंग से कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा बलों के प्रमुखों को अपने कार्यों और मूल्यों के द्वारा अच्छा और योग्य नेतृत्व प्रदान करना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि पुलिस बलों को चिंताजनक रूप से बढ़ते सांप्रदायिक तनावों से निबटने के लिए बाहरी तथा आंतरिक संचार को सशक्त करना चाहिए। लोगों के साथ संवाद को बनाए रखना होगा तथा इसी के साथ संगठन में भी एकदम अंत में बीट स्तर तक संवाद में सुधार किया जाना चाहिए। जिला तथा स्थानीय प्रशासन को संप्रदायिक तनावों को शुरुआत में ही भांप लेना चाहिए तथा उन पर नियंत्रण के लिए तेजी से अपेक्षित उपाय करने चाहिएं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए तथा सार्वजनिक जीवन में जवाबदेही तथा ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए सभी कुछ किया जाना चाहिए, परंतु पुलिस एजेंसियों को नीति निर्माण पर प्रश्न नहीं उठाना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण के कारण अपराध के आयामों में विस्तार हुआ है। इस बुराई से सबसे अधिक महिलाएं और बच्चे पीड़ित हुए हैं। हमारी जनता के इन कमजोर वर्गों के विरुद्ध हिंसा से कड़ाई से निबटना होगा। हमारे शहरी इलाकों, खासकर महानगरों में कारगर पुलिस व्यवस्था पर अविलंब ध्यान देना होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि यह जरूरी है कि समाज के वंचित तबकों के मामले में सकारात्मक पुलिस कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश की पुलिस को विभिन्न तरह की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना होता है तथा उनके पास कर्मिकों और साधनों की कमी है। इन चुनौतियों के बावजूद हमारे पुलिस बलों ने बेहतर कार्य किया है तथा हमारे समक्ष मौजूद चुनौतियों के समाधान में अच्छी सफलता पाई है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को, खासकर सिपाहियों और उनके परिजनों के कल्याण पर ध्यान देना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में पुलिस को एक सक्रिय सेवा प्रदाता-कानून लागू करने वाली संस्था तथा प्रगति, विकास तथा शांति में एक भागीदार के रूप में, कार्य करना चाहिए। पुलिस बलों की उनकी प्रतिबद्धता, समर्पण तथा राष्ट्र की सेवा के लिए प्रशंसा करते हुए उन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले कर्मिकों को श्रद्धांजलि दी तथा अपने दायित्वों का निर्वाह करते हुए घायल होने वाले कर्मिकों के प्रति सम्मान व्यक्त किया।
यह विज्ञप्ति 1045 बजे जारी की गई।